लखनऊः 14 दिनों के न्यायिक रिमांड में भेजा गया संस्कृति राय का मुख्य हत्यारा
संस्कृति राय हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने पंजाब से मुख्य आरोपी भूरे उर्फ रामजस लंबू को गिरफ्तार कर लिया है.
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लोमस कुमार झा/लखनऊः संस्कृति राय हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने पंजाब से मुख्य आरोपी भूरे उर्फ रामजस लंबू को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद यूपी एसटीएफ दावा कर रही है इस केस को पूरे तरीके से सुलझा लिया है. संस्कृति राय की हत्या 21 जून 2018 की रात को की गई थी. लगभग 7 महीने के बाद यूपी एसटीएफ ने संस्कृति राय हत्याकांड के मुख्य आरोपी को पंजाब से गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ के पूछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि वह पंजाब में रह करके यहां वहां काम करके अपना जीवन गुजर कर रहा था. यूपी पुलिस ने आरोपी पर 50 हजार का इनाम रखा था. लंबू के दो साथियों को लखनऊ पुलिस ने पहले ही सीतापुर से गिरफ्तार कर लिया था जिसके पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी को पकड़ा गया है. लखनऊ पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ पूरे केस का नाट्य रूपांतरण भी किया था.
संस्कृति जब 21 जून को घर जाने के ट्रेन पकड़ने के लिए बादशाह नगर रेलवे स्टेशन जाति उससे पहले वे बादशाह नगर जाने के लिए ऑटो लेने नजदीकी ऑटो स्टैंड पर पहुंची जहां संस्कृति ने ऑटो ली ऑटो में बैठे तीन लोगों ने उसके साथ पहले नशे में जबरदस्ती करने की कोशिश की साथ ही उसके साथ लूटपाट भी की जबरदस्ती करने में नाकाम हुए लोगों ने उसके साथ हाथापाई की हाथापाई करने में संस्कृति का गला दबाने की कोशिश भी की जब उन लोगों को लगा कि संस्कृति राय मौत हो गई है तो उन्होंने लखनऊ से सटे घेला पुल के पास उसे ऊपर से गिरा दिया जिससे उसके सर में भी चोट आई आसपास के ग्रामीणों ने जब अगले दिन उसे देखा तो जिंदा थी लेकिन हॉस्पिटल पहुंचाने तक वह कोमा में जा चुकी थी और वहां उसकी मौत हो गई.
संस्कृति राय का पूरा मामला
लखनऊ पॉलिटेक्निक की द्वितीय वर्ष की छात्रा संस्कृति राय बलिया के फेफना के भगवानपुर गांव के रहने वाले वकील उमेश कुमार राय की 17 साल की छोटी बेटी थी. फर्स्ट ईयर में वो हॉस्टल में रही थी, लेकिन सेकेंड ईयर में उसे हॉस्टल नहीं मिला. इसके बाद वो इंदिरानगर में सेक्टर 19 में रहने लगी. पांच जून को संस्कृति भावनगर अपने घर गई थी. सात जून को उसका प्रैक्टिकल होना था, लेकिन वो छह जून को ही लखनऊ पहुंच गई थी. परीक्षाएं खत्म होने के बाद संस्कृति 21 जून रात अपने घर जाने वाली थी. उसने अपनी मां नीलम को फोन करके कहा था कि वो घर आ रही है. इसके लिए उसे बादशाहनगर से ट्रेन पकड़नी थी. उसके साथ उसकी चंदौली की रहने वाली दोस्त पुष्पांजलि को भी जाना था. लेकिन संस्कृति स्टेशन पर नहीं पहुंची. इसके पुष्पांजलि ने संस्कृति को फोन किया तो उसका फोन बंद था.
इसके बाद पुष्पांजलि ने एक और सहेली को फोन कर बताया कि संस्कृति स्टेशन पर भी नहीं आई है और उसका फोन भी बंद है. इसके बाद उस सहेली ने संस्कृति के पिता उमेश कुमार को रात के 10 बजे के करीब फोन किया. पिता ने लखनऊ में रहने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया और पूरी बात बताई. इसके बाद रात में ही वो रिश्तेदार गाजीपुर थाने पहुंचे. गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर ने संस्कृति के पिता उमेश से बात की और अनहोनी की आशंका जताई थी. जिसके बाद इसकी जांच शुरू हो गई. लेकिन जांच काफी धीमी रफ्तार में थी, जिसके कारण छात्रों ने लखनऊ पुलिस का काफी विरोध किया. छात्रों का एक समूह मुख्यमंत्री से भी मिलने के लिए गया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए यह पूरे देश को एसटीएफ को सौंपने की बात कही थी.
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