इस अनोखे तरीके से योगी सरकार लगाएगी प्रदूषण पर लगाम, पराली के बदले किसानों को देगी 'गोबर-ट्रॉली' का इनाम
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इस अनोखे तरीके से योगी सरकार लगाएगी प्रदूषण पर लगाम, पराली के बदले किसानों को देगी 'गोबर-ट्रॉली' का इनाम

यूपी की योगी सरकार एक ऐसी योजना लेकर आई है जिससे पराली जलाने की गंभीर समस्या से राष्ट्रीय स्तर पर निजात मिलने की उम्मीद जगी है.

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: धान की कटाई के बाद किसानों की पराली जलाने की आदत और उससे होने वाला प्रदूषण एक राष्ट्रीय समस्या बन कर उभरा है. हर साल पराली जलाने की वजह से दिल्ली एनसीआर समेत, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में वायु प्रदूषण बहुत हानिकारक स्तर तक बढ़ जाता है. राज्य सरकारें हर साल प्रदूषण रोकने की बात करती हैं, लेकिन इस समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकाल पातीं. हालांकि अब यूपी की योगी सरकार एक ऐसी योजना लेकर आई है जिससे पराली जलाने की गंभीर समस्या से राष्ट्रीय स्तर पर निजात मिलने की उम्मीद जगी है.

उन्नाव-कानपुर प्रशासन ने किसानों से 5000 क्विंटल पराली ली
यूपी में किसानों को गौशालाओं से जोड़ा जा रहा है. जिला स्तर पर ऐसी योजना शुरू की गई है कि किसान पराली लदी गाड़ी लेकर आएं और गोबर की खाद लेकर जाएं. किसानों के लिए बहुत फायदे का सौदा है कि वो फसल कटने के बाद खेतों में बेकार बची पराली से बिना प्रदूषण फैलाए मुक्ति पा सकते हैं और बदले में उन्हें प्राकृतिक रूप से तैयार खाद भी मिलेगी. इसके साथ ही यूपी कृषि विभाग पराली को कम्पोस्ट में बदलने के लिए यंत्रों पर भी अनुदान दे रहा है. कृषि विभाग द्वारा किसान भाइयों को खेत में ही पराली को कम्पोस्ट में बदलने का तरीका बताया जा रहा है. यूपी के दो जिलों उन्नाव और कानपुर देहात में प्रशासन ने करीब 5000 हजार क्विंटल पराली किसानों सी ली है. कानपुर देहात में 3000 क्विंटल और उन्नाव में 1675 क्विंटल से ज्यादा पराली जिला प्रशासन ने किसानों से ली है. जिला प्रशासन की ओर से किसानों को दो ट्रॉली पराली के बदले एक ट्रॉली गोबर की खाद निशुल्क दी जा रही है.

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किसानों को जिलों की गोशालाओं से जोड़ने की योजना
उन्नाव डीएम रविंद्र कुमार के मुताबिक जिले में 125 गोशालाएं हैं. इनमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद उपलब्ध है. हम दो ट्रॉली पराली देने पर एक ट्रॉली गोबर की खाद निशुल्क दे रहे हैं. कानपुर देहात के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि, पराली की समस्या को देखते हुए हम किसानों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक कर रहे हैं. इसके अलावा हमने तीन हजार क्विंटल से ज्यादा पराली किसानों से ली भी है. इसी तरह सभी जिलों में किसानों को पराली के बदले गोबर की खाद देने की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए योगी सरकार ने अधिकारियों को निर्देशित किया है.

एनजीटी ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है. किसान ऐसा न करें, इसके लिए सरकार की ओर से भी जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और किसानों की समस्याओं का निराकरण उनकी प्राथमिकता में है. ऐसे में पर्यावरण में फैल रहे वायु प्रदूषण को कम से कम करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. पराली को लेकर ऐसे कृषि यंत्रों को, जिनसे पराली को आसानी से निस्तारित किया जा सकता है, उन पर सरकार की ओर से 50 से 80 फीसद तक अनुदान भी दिया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री योगी ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की थी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में किसान भाइयों को संबोधित करते हुए कहा था, ''किसानों का प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न सम्बन्ध है. पराली जलाना पर्यावरण एवं हम सबके लिए अत्यंत हानिकारक है. किसान अन्नदाता हैं, उनका कार्य जीवन को सम्बल देना है. आइए, सभी किसान भाई पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें. प्रदेश के किसान बंधुओं के हित संरक्षण के लिए यूपी सरकार पूर्णत: प्रतिबद्ध है. पराली जलाने के दुष्प्रभावों और उसके बेहतर उपयोग के लिए कृषकों को जागरूक करने की आवश्यकता है. पराली जलाने से संबंधित कार्रवाई में किसान भाइयों के साथ कोई दुर्व्यवहार/उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा.''

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