अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने मोदी-योगी (Modi-Yogi) की जुगलबंदी देखकर ट्विटर पर शायराना अंदाज में लिखा था- 'दुनिया की ख़ातिर, सियासत में कभी यूं भी करना पड़ता है, बेमन से कंधे पर रख हाथ, कुछ क़दम संग चलना पड़ता है'. अब उसके पलटवार में बीजेपी (BJP) ने दो वीडियो शेयर किए हैं.
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लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की हाल में सामने आई तस्वीर पर करारा कमेंट करने वाले सपाध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अब इसका करारा जवाब भी झेलना पड़ा है. यूपी बीजेपी ने उन पर ट्विटर पर ही पलटवार किया है. अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) ने मोदी-योगी (Modi-Yogi) की जुगलबंदी देखकर ट्विटर पर शायराना अंदाज में लिखा था- 'दुनिया की ख़ातिर, सियासत में कभी यूं भी करना पड़ता है, बेमन से कंधे पर रख हाथ, कुछ क़दम संग चलना पड़ता है'. अब उसके पलटवार में बीजेपी (BJP) ने दो वीडियो शेयर किए हैं जिनमें अखिलेश (Akhilesh) के परिवार का चिट्ठा खोल डाला है. इनके साथ कमेंट करते हुए शायराना अंदाज में ही कुछ पंक्तियां लिखी गई हैं.
पहला पोस्ट
'गद्दी छीनने के लिए सियासत में पार्टी को यूं भी हथियाना पड़ता है. पिता-चाचा जो भी हो, उसको धकियाना पड़ता है.समझ गए न किसकी बात हो रही है? याद है न, कहीं भूले तो नहीं?'
गद्दी छीनने के लिए सियासत में पार्टी को यूं भी हथियाना पड़ता है,
पिता-चाचा जो भी हो, उसको धकियाना पड़ता है।
समझ गए न किसकी बात हो रही है ? याद है न, कहीं भूले तो नहीं ? https://t.co/NDMDp3xvmh pic.twitter.com/5Uh9sFKeYo
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 21, 2021
इन पंक्तियों के साथ बीजेपी ने जो वीडियो ट्वीट किया है, उसमें अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को धमकाते हुए उनके हाथ से माइक छीनते दिख रहे हैं. यह वहीं वीडियो है जो सपा के पारिवारिक विवाद के समय काफी वायरल हुआ था.
दूसरा पोस्ट
'जो अखिलेश यादव अपने परिवार के सगे नहीं हुए,
उनसे जनता क्या उम्मीद करेगी कि वो लोगों का भला करेंगे.
उनके लिए तो एक ही बात कही जा सकती है
बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया'
जो अखिलेश यादव अपने परिवार के सगे नहीं हुए
उनसे जनता क्या उम्मीद करेगी कि वो लोगों का भला करेंगेउनके लिए तो एक ही बात कही जा सकती है
बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया pic.twitter.com/GFLjSkNnJV— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) November 23, 2021
इन लाइनों के साथ किसी टेलिविजन चैनल पर चले शो का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें बताया जा रहा है कि किसी तरह से अखिलेश ने अपने परिवार को सदस्यों को किनारे किया है.
ऐसे चला था समाजवादी परिवार में घमासान
क़ौएद का समाजवादी पार्टी में विलय होना था. मुलायम के तैयार होने के बावजूद अखिलेश यादव ने इसे रोक दिया. इसे शिवपाल यादव ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया और उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़े की धमकी दे दी. शिवपाल का प्रभाव कम करने अखिलेश यादव ने उनके करीबी मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया. बाद में विवाद बढ़ा तो मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया और शिवपाल यादव को यह जिम्मेदारी दे दी. अध्यक्ष पद वापस लेने के जवाब में अखिलेश ने शिवपाल से अहम विभागों को छीन लिया.
शिवपाल के करीबी गायत्री प्रजापति और राजकिशोर को कैबिनेट से निकाल दिया. इसकी प्रतिक्रिया में शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश की कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने यूपी प्रदेश अध्यक्ष से भी इस्तीफ़ा दे दिया. बढ़ते विवाद के बीच मुलायम सिंह के चचेरे भाई रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव का खुलकर समर्थन किया. उत्तर प्रदेश में 2017 के फरवरी महीने में चुनाव होने थे. पार्टी में उम्मीदवारों के चयन को लेकर दोनों खेमों में तनातनी शुरू हो गई.
6 साल के लिए रामगोपाल यादव को कर दिया था बाहर
मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के साथ 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में अखिलेश की पसंद के उम्मीदवारों की उपेक्षा की गई. इसके बाद अखिलेश यादव ने 125 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इसे लेकर पार्टी टूटने के कगार पर आ गई. 30 दिसंबर 2016 को मुलायम सिंह ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया.
इसके बाद रिश्तों की ब्लैकमेलिंग का दौरा चला और आखिर में मुलायम को अपने बेटे के साथ खड़े होना पड़ा. अमर सिंह, शिवपाल यादव समेत मुलायम के करीबी कई नेता अखिलेश से मुकाबले में पटखनी खा गए. शिवपाल ने आखिरकार अपनी पार्टी भी बना ली.
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