72 दलित परिवारों ने लगाए 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर, ऐसा क्या हुआ कि उठाना पड़ा यह कदम?
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72 दलित परिवारों ने लगाए 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर, ऐसा क्या हुआ कि उठाना पड़ा यह कदम?

आरोप है कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में कॉलोनी के लोग पार्क में एक भंडारा करने जा रहे थे, लेकिन बिल्डर ने भंडारा नहीं होने दिया. लोगों का कहना है कि जिस कार्यक्रम को देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी धूमधाम से मनाते हैं, उस कार्यक्रम को बिल्डर नहीं मनाने दे रहा है.

72 दलित परिवारों ने लगाए 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर, ऐसा क्या हुआ कि उठाना पड़ा यह कदम?

अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में 6 दर्जन से ज्यादा दलित समाज के लोगों ने घर के बाहर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगाए हैं. बताया जा रहा है कि यहां पर दलित समाज के लोग बिल्डर के उत्पीड़न से तंग आ गए हैं. कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि यह बिल्डर कॉलोनी में बने पार्कों में दलितों का कार्यक्रम नहीं होने देता. ऐसे में लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, जानकारी के मुताबिक, सूचना पर सपा नेता भी मौके पर पहुंच गए और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लग गए. 

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'हम पलायन करने को मजबूर हैं'
मामला महुआ खेड़ा थाना इलाके की पॉश कॉलोनी सागवान सिटी का है. दरअसल, महुआ खेड़ा थाना इलाके की पॉश कॉलोनी सागवान सिटी में लगभग 6 दर्जन से अधिक दलितों ने अपने घर के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' के बैनर पोस्टर लगा दिए हैं. आगे बैनर पर लिखा हुआ है 'हम लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं'. कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दलितों के होने वाले कार्यक्रम बिल्डर नरेंद्र सागवान कॉलोनी में बने पार्कों में नहीं होने देते हैं. घटनाक्रम की सूचना पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव समर्थकों के साथ अपनी राजनीति करने पहुंच गए.

दलितों ने लगाया पुलिस से मिलीभगत का आरोप
आरोप है कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में कॉलोनी के लोग पार्क में एक भंडारा करने जा रहे थे, लेकिन बिल्डर ने भंडारा नहीं होने दिया. लोगों का कहना है कि जिस कार्यक्रम को देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी धूमधाम से मनाते हैं, उस कार्यक्रम को बिल्डर नहीं मनाने दे रहा है. जबकि कॉलोनी में बने पार्कों का भी हम चार्ज देते हैं. 14 अप्रैल को बिल्डर ने पुलिस की मिलीभगत से कार्यक्रम के लिए पार्क में लगाए गए टेंट भी हटवा दिए. इसके बाद हम लगातार पुलिस व अन्य अधिकारियों के पास गए. अभी तक पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन तमाम बातों से मजबूर होकर हम लोगों ने अपने घर के बाहर यह बैनर पोस्टर लगाए हैं.

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सागवान सिटी के डायरेक्टर ने रखा अपना पक्ष
जानकारी देते हुए सागवान सिटी के डायरेक्टर नरेंद्र सागवान ने बताया है कि इन लोगों द्वारा अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में कार्यक्रम कराने की अनुमति मांगी गई थी. इसके लिए उन्होंने सागवान सिटी में बने स्कूल सागवान में अंबेडकर जयंती का कार्यक्रम करने की बात कही और खुद भी जयंती मनाई. अब यह लोग बेवजह विवाद उत्पन्न कर रहे हैं. डायरेक्टर ने कहा कि सागवान सिटी में लगभग 500 परिवार रहते हैं. किसी को कोई भी आपत्ति नहीं है. सिर्फ कुछ लोग हैं जो राजनीति कर रहे हैं. डायरेक्टर का आरोप है कि उनके ऊपर प्रेशर बनाकर यह लोग अपना निजी स्वार्थ सीधा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा है कि इस कॉलोनी में सभी धर्म और जाति के लोग रहते हैं, जिसको भी जो कार्यक्रम करना है, वह कॉलोनी में बने स्कूल में अपना कार्यक्रम कर सकता है. साउंड से लेकर मंच की व्यवस्था भी डायरेक्टर खुद ही कर देंगे.

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