इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, विवाहिता पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने की हकदार नहीं
Advertisement

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, विवाहिता पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने की हकदार नहीं

माधवी मिश्रा ने विवाहिता पुत्री के तौर पर विमला श्रीवास्तव केस के आधार पर मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी. याची के पिता इंटर कॉलेज में तदर्थ प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, विवाहिता पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पाने की हकदार नहीं

मो. गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को विवाहित पुत्री और उसके पिता के बीच संबंध ो लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि विवाहिता पुत्री अपने पिता की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे में कोई नियुक्ति पाने की हकदार नहीं है. यह फैसला एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है.  

विवाहिता अपने पति की आश्रित होती है पिता की नहीं: HC 
इलाहाबाज हाईकोर्ट ने इसकी तीन वजह भी बताई है. कोर्ट ने कहा है‌ कि प्रथम शिक्षण संस्थाओं के लिए बने रेग्यूलेशन 1995 के तहत विवाहिता पुत्री परिवार में शामिल नहीं है. द्वितीय आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती. याची ने छिपाया कि उसकी मां को पारिवारिक पेंशन मिल रही है, वह याची पर आश्रित नहीं है और तीसरे कानून एवं परंपरा दोनों के अनुसार विवाहिता पुत्री अपने पति की आश्रित होती है, पिता की नहीं. कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए एकलपीठ के विवाहिता पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति देने के आदेश 9 अगस्त 2021 को रद्द कर दिया.

क्या कहना है याची के वकील का?
याची अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि सरकार ने कल्याणकारी नीति अपनाई है. विमला श्रीवास्तव केस में कोर्ट ने पुत्र-पुत्री  में विवाहित होने के आधार पर भेद करने को असंवैधानिक करार दिया है और नियमावली के अविवाहित शब्द को रद्द कर दिया है. 

यह नियमावली नहीं होगी शामिल: HC 
कोर्ट ने कहा कि आश्रित की नियुक्ति का नियम जीविकोपार्जन करने वाले की अचानक मौत से उत्पन्न आर्थिक संकट में मदद के लिए की जाती है. मान्यता प्राप्त एडेड कालेजों के आश्रित कोटे में नियुक्ति की अलग नियमावली है तो सरकारी सेवकों की 1994 की नियमावली इसमें लागू नहीं होगी.

गौरतलब है कि माधवी मिश्रा ने विवाहिता पुत्री के तौर पर विमला श्रीवास्तव केस के आधार पर मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी. याची के पिता इंटर कॉलेज में तदर्थ प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत थे. सेवाकाल में उनकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद मृतक प्रधानाचार्य की पत्नी पेंशन उठा रही थीं. 

WATCH LIVE TV

Trending news