केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली (Arun Jaitley) का आज 28 दिसंबर को जन्मदिन है. अरुण जेटली ने 21वीं सदी में देश के कई ऐसे आर्थिक बदलावों में योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें हमेशा लोग याद रखेंगे.
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Arun Jaitley Birth Anniversary: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली (Arun Jaitley) का आज 28 दिसंबर को जन्मदिन है. अरुण जेटली ने 21वीं सदी में देश के कई ऐसे आर्थिक बदलावों में योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें हमेशा लोग याद रखेंगे. अरुण जेटली अपने समय के एक प्रमुख नेता ही नहीं बल्कि भारत के कुछ खास वित्त मंत्रियों में से एक के तौर पर याद किए जाते हैं.
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यूपी के लोगों के लिए थे बेहद खास
अरुण जेटली नाम केंद्रीय राजनीति के बेहद सशक्त नेता के तौर पर याद किया जाता है. पर इस दिवंगत राजनेता के दिल में यूपी का बेहद ही खास स्थान था. वह ही वे शख्स थे, जिन्होंने गांधी खानदान के गढ़ रायबरेली से गांधी परिवार की जड़े हिलाने का सपना सबसे पहले देखा था. आज अगर रायबरेली में हर जगह बीजेपी की तूती बोल रही है तो इसका श्रेय अरुण जेटली को ही जाना चाहिए.
देश में जब आपातकाल लगाया गया तो जेटली भी जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में शामिल हो गए थे. इस दौरान वह यूपी से अच्छे से परिचित हुए. जब उन्होंने रायबरेली में विकास के लिए अपने एमपीएलएडी फंड को खर्च करने की घोषणा की थी, तो यह कांग्रेस के इस गढ़ को तोड़ना का उनका पहला कदम था.इस जिले के पिछड़ेपन को दूर करने की उन्होंने मन में ठान ली थी. यह जिला उनके दिल में मरते दम तक खास जगह लिए रहा.
जीवन परिचय
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 में दिल्ली के महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर में हुआ था. उनके पिता एक वकील थे. 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद सन् 1977 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के फेकल्टी ऑफ लॉ से उन्होंने वकालत की डिग्री हासिल की. 24 मई 1982 में अरुण जेटली की शादी संगीता जेटली से हुई. अरुण जेटली उनके दो बच्चे हैं.
लखनऊ से था गहरा नाता
बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाता उत्तर प्रदेश और लखनऊ से भी काफी गहरा था. अपनी आखिरी सांस लेने से पहले अरुण जेटली रायबरेली को रोशन करने सोलर लाइटें लगवाने का पत्र यहां की तत्कालीन डीएम नेहा शर्मा को लिखा था. जबकि उस समय रायबरेली कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र था. जेटली उस समय राज्यसभा सांसद थे. उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि रायबरेली में 200 सौर ऊर्जा वाली हाई मास्ट लाइट लगाई जाएं. यह राशि उन्होंने सांसद निधि योजना के तहत अपने फंड से मंजूर की थी. उस समय दिवाली आनी थी और जेटली चाहते थे कि कि दीपावली से पहले रायबरेली को रोशन किया जाए.
चौक की फेमस चाट और पान गिलौरी खाते थे
इसके अलावा जेटली का यूपी की राजधानी लखनऊ से भी गहरा नाता था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार में तो वह कई-कई दिन ठहर तक लखनऊ की हर गली को मथ देते थे. लखनऊ आने पर अरुण जेटली यहां के चौक की फेमस चाट और पान गिलौरी जरूर खाते थे. वकीलों में उनका खासा प्रभाव था तो वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव के लिए लखनऊ के वकीलों के बीच जाकर मतदान की अपील करते थे.
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