UP Chunav नजदीक आते ही राहुल को याद आई अमेठी, बहन प्रियंका के साथ करेंगे 7KM की पदयात्रा
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UP Chunav नजदीक आते ही राहुल को याद आई अमेठी, बहन प्रियंका के साथ करेंगे 7KM की पदयात्रा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी हारने के बाद कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 18 दिसंबर को दूसरी बार अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे पर आएंगे. वह 2004 से 2014 तक लगातार तीन बार अमेठी से सांसद रह चुके हैं.

राहुल और प्रियंका की यह तस्वीर साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान की है. (File Photo)

अमेठी: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी हारने के बाद कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 18 दिसंबर को दूसरी बार अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे पर आएंगे. वह 2004 से 2014 तक लगातार तीन बार अमेठी से सांसद रह चुके हैं. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहेंगी. राहुल और प्रियंका केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में अमेठी में जगदीशपुर रामलीला मैदान से हारीमऊ तक 7 किलोमीटर पैदल मार्च करेंगे. फिर हारीमऊ में दोनों एक जनसभा को संबोधित करेंगे. 

कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने बताया कि 18 दिसंबर को सुबह लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डा पहुंचने के बाद राहुल और प्रियंका सड़क मार्ग से अमेठी आएंगे. राहुल और प्रियंका की पदयात्रा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. लंबे अर्से बाद अमेठी आ रहे राहुल के स्वागत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. जिले में जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए हैं. उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य नरेंद्र मिश्रा कहते हैं कि राहुल और प्रियंका का अमेठी से परिवार जैसा रिश्ता है. दोनों हमेशा अमेठी और यहां की जनता के बारे में सोचते और काम करते हैं.

जगदीशपुर से शुरू होकर हारीमऊ तक पैदल मार्च
गौरतलब है कि अमेठी की जगदीशपुर विधानसभा सीट आरक्षित है. यहां से वर्तमान में भाजपा के सुरेश पासी विधायक हैं जो योगी सरकार में मंत्री भी हैं. सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा ने मीडिया बातचीत में कहा कि उनकी सुरक्षा व बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए कांग्रेस सेवा दल के सदस्यों को लगाया गया है. कांग्रेस पूरे देश में यात्रा निकाल रही, उसी परिपेक्ष्य में यहां पर भी कार्यक्रम रखा गया है. कोशिश यह कर रहे हैं कि अमेठी के हर कोने से लोग रैली में आएं. सीआरपीएफ सुरक्षा व्यवस्था देख रही है. आपको बता दें कि कभी रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का गढ़ हुआ करते थे. अब कांग्रेस को यहां जनसमर्थन हासिल करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है.

रायबरेली में कांग्रेस के दोनों विधायक बागी हो चुके हैं
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी सीट हार गए. सोनिया गांधी रायबरेली सीट जीत तो गईं लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र में उनकी सक्रियता न के बराबर है. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में रायबरेली की 6 सीटों में बछरावां, सरेनी, और सलोन सीट पर भाजपा ने कब्जा किया था. ऊंचाहार सीट सपा के खाते में गई थी. हरचंदपुर और रायबरेली सदर सीट पर कांग्रेस जीती थी, लेकिन पार्टी से ज्यादा प्रत्याशियों का जनाधार इसमें सहायक था. वर्तमान में हरचंदरपुर विधायक राकेश सिंह और रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह बागी हो चुके हैं. अदिति ने भाजपा का दामन था​म लिया है. राकेश सिंह भी देर सबेर भाजपा में आ सकते हैं क्योंकि योगी आदित्यनाथ के लिए उनका प्यार​ किसी से छिपा नहीं है.

राहुल की पराजय से पहले ही अमेठी हार गई थी कांग्रेस
जहां तक अमेठी कि बात है तो 2019 में राहुल के हारने से पहले ही ​कांग्रेस के हाथों से उसका यह मजबूत किला निकल चुका था. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में जिले की चारों विधानसभा सीटों अमेठी, गौरीगंज, तिलोई और जगदीशपुर में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. अमेठी, तिलोई और जगदीशपुर सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, जबकि गौरीगंज सीट समाजवादी पार्टी के. कुछ दिन पहले ही गौरीगंज के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस तरह यूपी में अपना खोया जनाधार प्राप्त करने के लिए संघर्षरत कांग्रेस पार्टी के आगामी विधानसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी में भी राह काफी मुश्किल नजर आ रही है. 

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