धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. कई चौकाने वाले राज सामने आ रहे है. यूपी एटीएस ने इस मामले में करीब 150 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग के साक्ष्य जुटाए हैं.
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लखनऊ: यूपी एटीएस (UP ATS) की आर्थिक शाखा ने अवैध धर्मांतरण (UP Conversion Case) में अब तक करीब 150 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग के साक्ष्य जुटाए हैं. यह रकम उमर गौतम, कलीम सिद्दीकी और सलाहुद्दीन के पास भेजी गई थी. छानबीन में पता चला है कि 5 साल के दौरान उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट को 30 करोड़ से ज्यादा रुपये विदेशी संस्थाओं से मिले मगर उसने इसका 60 फीसदी ही धर्मांतरण पर खर्च किया था.
वहीं, वडोदरा के रहने वाले सलाहुद्दीन की संस्था अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन को 5 साल में 28 करोड़ रुपये मिले, जो उसने उमर गौतम को दिए थे. इसके अलावा 22 करोड़ रुपये कलीम की संस्था अल हसन एजुकेशनल सोसायटी को भेजे गए थे. यह फंड दुबई, तुर्की और अमेरिकी संस्थाओं की तरफ से भेजे गए थे. इसके अलावा महाराष्ट्र के प्रकाश कावड़े उर्फ एडम और उसके सहयोगियों को ब्रिटेन की एक संस्था से 57 करोड़ रुपये अवैध धर्मांतरण को बढ़ाने के लिए मिले थे.
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अब तक 16 गिरफ्तार
धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. कई चौकाने वाले राज सामने आ रहे है. अभी तक इस मामले में एटीएस 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें से 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है. गौरतलब है कि एटीएस ने इसी साल 21 जून को मौलाना उमर गौतम को गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के कुछ ही दिन बाद सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख का नाम सामने आने पर 30 जून को उसे भी पकड़ लिया गया. वहीं, 21 सितंबर को मौलाना कलीम सिद्दीकी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) का नाम बड़े इस्लामिक स्कॉलर्स में गिना जाता है.
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