बदायूं: सड़क पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुआ बुजुर्ग, पुलिस ने ऐसे की मदद
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बदायूं: सड़क पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुआ बुजुर्ग, पुलिस ने ऐसे की मदद

बिल्सी सीओ अनिरुद्ध सिंह ने बुजुर्ग के दामाद को बुलवाया और सख्त हिदायत देते हुए अच्छे से सेवा करने को कहा. जिसके बाद बुजुर्ग को उनका दामाद घर ले गया. 

बदायूं: सड़क पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुआ बुजुर्ग, पुलिस ने ऐसे की मदद

अमित अग्रवाल/बदायूं: अपनी सारी दौलत बेटियों के नाम कर चुके 82 वर्षीय बुजुर्ग को दामादों ने घर से निकाल दिया. बेटे सारी दौलत बेटियों को दिए जाने से पहले ही नाराज थे. खून के रिश्तों को पैसे से तोलने वाले इन अपनों ने बुजुर्ग को दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया. लिहाजा बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे रातें बिताने और मांग कर खाने को मजबूर हो गए. जिसके बाद सर्किल के सीओ अनिरुद्ध सिंह ने उनके लिए जो प्रयास किये उसकी चर्चा हो रही है. 

क्या है पूरा मामला
दरअसल बदायूं जिले के बिल्सी नगर के मोहल्ला संख्या दो निवासी एक बुजुर्ग अपनों के ठुकराए जाने के बाद बिल्सी में सड़क किनारे देकर जीवन गुजारने लगा. कोई व्यक्ति उसे खाना देता तो उसका पेट भर जाता अन्यथा उसे भूखा ही सोना पड़ता, जिसके बाद गुरुवार को किसी ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी. जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया और बुजुर्गों के बेटे को बुलवाया. जिसके बाद बेटा पिता को घर ले जाने की बात कहने लगा. लेकिन बुजुर्ग ने मना कर दिया, 

बुजुर्ग ने अपना मकान बेचकर चार बेटियों को दे दिया था. जिसमें एक बेटी बिल्सी तथा तीन बेटियां पानीपत में रहती हैं. बिल्सी सीओ अनिरुद्ध सिंह ने बुजुर्ग के दामाद को बुलवाया और सख्त हिदायत देते हुए अच्छे से सेवा करने को कहा. जिसके बाद बुजुर्ग को उनका दामाद घर ले गया. जिससे वह अब दर-दर की ठोकरें खाने से बचे. 

बता दें, बुजुर्ग झम्मन बिल्सी नगर के मोहल्ला संख्या दो में रहते थे और इनका बांस बल्ली का कारोबार था. इनका नाम दूर-दूर तक प्रसिद्ध था, लेकिन जैसे-जैसे इनका शरीर साथ छोड़ता गया वैसे ही अपने भी साथ छोड़ते चले गए. आज की हालत यह हो गई कि वह सड़क किनारे रहकर जीवन गुजारने लगे. फिलहाल पुलिस ने बुजुर्ग को उनके दामाद के साथ घर भेज दिया है. 

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