Ramcharit Manas Controversey : उत्तर प्रदेश में रामचरित मानस विवाद में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर गरमाई राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जातीय राजनीति को गरमाने की ये सियासी कवायद की आंच अब समाजवादी पार्टी को भी झुलसाने लगी है. पार्टी में दलित पिछड़े नेताओं के गर्व से कहो हम शूद्र वाले पोस्टर के जवाब में अब पार्टी नेताओं ने गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं के पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं. नाम के आगे ब्राह्मण के साथ लिखा पोस्टर भी सपा कार्यालय के पास दिख रहा है. हालांकि अखिलेश यादव की पार्टी की पैंतरेबाजी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा जवाब एक इंटरव्यू में दिया है.


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गर्व से कहो हम शूद्र हैं के बाद अब गर्व से कहो हम ब्राह्मण के पोस्टर सपा कार्यालय के बाहर लगना शुरू हो गए हैं. कार्यालय के गेट के सामने नवी मुंबई महाराष्ट्र के पूर्व सपा नेता पंडित अवधेश शुक्ला ने गर्व से कहो हम ब्राह्मण हैं, का पोस्टर लगाया है. इसमें लिखा गया है कि भाजपा ब्राह्मण विरोधी है. सपा रामचरितमानस का विरोध नहीं कर रही है. वह चौपाई का विरोध कर रही है, जिसमें गलत शब्द लिखा हुआ है.


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इससे पहले सपा प्रवक्ताओं में भी रामचरित मानस के मुद्दे पर मतभेद दिखाई पड़ा था. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने जहां चौपाई हटाने के बयान का समर्थन किया था. अखिलेश यादव ने भी कहा था कि वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछेंगे कि क्या वो विधानसभा में इस चौपाई को दोहरा सकते हैं. वहीं सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित बयान पार्टी की महिला नेत्री ने मोर्चा खोला था.


 


सपा प्रवक्ता डॉक्टर रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर रासुका लगाने की मांग की थी. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि हिन्दू जातियों को बांटकर गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही है. यूपी में धार्मिक जातीय संघर्ष फैलाने वाले स्वामी प्रसाद पर NSA लगाया जाए. उन्होंने सपा महासचिव को शास्त्रार्थ की चुनौती भी दी थी.



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