विशाल रघुवंशी/लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने शुक्रवार को लखनऊ बसपा मुख्यालय पर समीक्षा बैठक बुलाई है. लोकसभा उपचुनाव परिणाम के बाद बसपा सुप्रीमो की बड़ी बैठक है. इस बैठक में प्रदेश के सभी 18 मंडलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व अन्य प्रमुख जिम्मेदार मौजूद रहे. बैठक के दौरान मायावती ने पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने पर जानाधार के कार्यक्रम को और तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए. 


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मायावती ने कहा कि विरोधी शक्तियों के साम, दाम, दंड, भेद के अलावा जातिवादी संकीर्ण हथकंडों के दुरुपयोग के चलते अपार जनसमर्थन सही समय पर वोट में ट्रांसफर होने से रह जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी को काफी सजग होकर आगे काम करना है. पार्टी के लोगों को विपरीत परिस्थितियों से निपटने के साथ-साथ विपक्षियों के झूठे प्रचार और गलत प्रोपेगेंडा से लोगों को भटकने से बचाना होगा. 


विपक्षी दलों पर साधा निशाना 
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि विरोधी जातिवादी पार्टियां बसपा के मानवतावादी मूवमेंट खासतौर से चुनावी सफलताओं के खिलाफ हैं और इस मुद्दे पर एक हो जाती हैं. मायावती ने बिना नाम लिए कहा कि एक समुदाय विशेष को घोर पार्टी विरोधी हथकंडों के कारण गुमराह होने से बचाना होगा. इस दौरान मायावती ने 27 मार्च और 29 मई 2022 की मीटिंग में जो निर्देश दिए गए थे उनकी प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की. साथ ही इनमें मिलने वाली कमियों को जल्द दूर करने के निर्देश दिए. 


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द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला स्वतंत्र होकर लिया गया 
बसपा द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने पर मायावती ने कहा कि पार्टी ने यह फैसला स्वतंत्र होकर निडरता से लिया है. किसी व्यक्ति अथवा पार्टी विशेष की बजाय उपेक्षित एसटी समुदाय के बहुजन समाज के अभिन्न अंग होने के नाते ही लिया गया है. यह फैसला ना तो सत्ताधारी एनडीए पक्ष में है. ना ही विपक्षी यूपीए के खिलाफ है. मायावती ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि यूपीए ने अपना साझा उम्मीदवार तय करते समय बीएसपी को कभी विश्वास में नहीं लिया और ना ही सलाह मशवरा किया. 



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कांग्रेस पर लगाए आरोप 
बैठक में मायावती ने गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और तुष्टीकरण के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा. अग्निवीर योजना के खिलाफ देशभर के नौजवानों में आक्रोश को देखते हुए कहा कि सरकार गंभीरता से इसका समाधान निकाले. महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध और सत्ता पाने के लिए धन-बल और खेल का मुद्दा भी उठाया. मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भी ऐसा ही गंदा खेल राजस्थान व अन्य राज्य में बार-बार खेला है. अब भाजपा भी उसी के नक्शे कदम पर चल कर उससे भी दो कदम आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है. 


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