नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को देखते हुए, बोर्ड ने यह बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए सीबीएसई बोर्ड की ओर से शिक्षकों के लिए 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी गई है.
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कानपुर: सीबीएसई (CBSE Board) स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी टीचर्स के पास कई सारी डिग्री होती हैं. बिना डिग्री के कोई भी स्कूल में नहीं पढ़ा सकता. लेकिन आपको बता दें कि केवल डिग्रियों से काम नहीं चलने वाला है. शिक्षकों को शिक्षा से जुड़ी हर जानकारी में पारंगत होना होगा. इसके लिए सीबीएसई बोर्ड की ओर से शिक्षकों के लिए 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी गई है.
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सीबीएसई के विशेषज्ञ देंगे ट्रेनिंग
नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को देखते हुए, बोर्ड ने यह बड़ा कदम उठाया है. 50 घंटे की ट्रेनिंग में 25 घंटे की ट्रेनिंग सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) के विशेषज्ञ देंगे. वहीं, बाकी 25 घंटों की ट्रेनिंग के लिए स्कूल चाहे तो किसी प्राइवेट कंपनी से ट्रेनर बुला सकते हैं या फिर स्कूल के प्रधानाचार्य ही शिक्षकों को प्रशिक्षण दे सकते हैं.
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इन सबजेक्ट में मिलेंगे प्रशिक्षण
सीबीएसई की डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर कोआर्डिनेटर पूजा सहगल ने बताया कि बोर्ड की ओर से जो प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे, उनमें 50 से अधिक विषयों पर पूरी बात होगी. उन विषयों में- वेलनेस, क्लासरूम मैनेजमेंट, टाइम मैनेजमेंट, करियर काउंसिलिंग, वैल्यू एजूकेशन, जेंडर इक्वेलिटी समेत कई सबजेक्ट शामिल हैं.
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शिक्षकों की प्रतिभा को निखारा जाएगा
इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को यह बताया जाएगा कि वह कैसे कक्षाओं का माहौल बेहतर और अच्छा बना सकते हैं छात्रों के सही विकास के लिए क्या-क्या जरूरी बाते हैं. इस तरह की सारी जानकारियां शिक्षकों को मिल सकेंगी और शिक्षकों की प्रतिभा को भी निखारा जाएगा.
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