सीएम योगी के इन बड़े कदमों से CWG में बढ़ेगा यूपी के खिलाड़ियों का पार्टिसिपेशन, यह होगा प्लान!
UP Participation in CWG 2022: हर बार की तरह यह सवाल अभी भी खड़ा हो रहा है कि बड़े राज्य खासकर यूपी खेलों में पीछे क्यों रह जाते हैं? यूपी के खिलाड़ी दमखम क्यों नहीं दिखाते? 22 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले उत्तर प्रदेश के सिर्फ 8 खिलाड़ियों का ही इसमें योगदान रहा है..
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ (CWG 2022) में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने देश के माहौल को खुशनुमा बना दिया है. भारत इस बार पदकों की संख्या के हिसाब चौथे स्थान पर रहा है. खेलों में मिली इस सफलता ने देश के माहौल में उत्साह भर दिया है. बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश को 61 पदक मिले हैं और इस बार गोल्ड की काफी बरसात हुई है. इस प्रदर्शन को चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में 66 पदक जीतने वाले प्रदर्शन से बेहतर माना जा रहा है. इसकी वजह यह है कि पिछली बार सिर्फ निशानेबाजों ने 7 गोल्ड समेत 16 पदक जीते थे. इस बार निशानेबाजी को शामिल ही नहीं किया गया था. इस लिहाज से देखा जाए तो भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है.
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यूपी से गए केवल 8 खिलाड़ी
लेकिन, हर बार की तरह ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर बड़े राज्य क्यों खेलों में पीछे रह जाते हैं? उनके खिलाड़ी दमखम क्यों नहीं दिखाते? सवाल यूपी को लेकर भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि 22 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले उत्तर प्रदेश के सिर्फ 8 खिलाड़ियों का ही इसमें योगदान रहा है. 5 खिलाड़ी वो जो व्यक्तिगत खेलों में मेडल ला पाए. जबकि हमेशा की तरह हरियाणा के सबसे ज्यादा 23 खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं.
यूपी के लिए यह है चिंता का विषय
इस बार देश को मिलने वाले 61 पदकों में से 73 फीसदी पदक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के खिलाड़ियों ने दिलाए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश के 83 फीसदी खिलाड़ी खाली हाथ लौटे हैं. हालांकि, इतने बड़े राज्य के लिए ये चिंता का विषय है. बड़ी बात ये है कि यूपी की सीमा हरियाणा से सटी है. पश्चिमी यूपी और हरियाणा का रहन सहन खान-पान भी एक जैसा ही है. बावजूद इसके, यूपी के लड़के कमाल क्यों नहीं कर पा रहे हैं? मगर अब यूपी में योगी सरकार ने जब से कमान संभाली है तब से खेलों पर और आधारभूत ढांचे में काफी सुधार हुआ है.
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यूपी के खिलाड़ियों का भी विदेशों में बजेगा डंका
नतीजा यह हुआ है कि अब पहले के मुकाबले यूपी की युवा पीढ़ी खेलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है और मेडल की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. वो वक्त अब दूर नहीं है, जब यूपी के खिलाड़ियों का विदेशों में डंका बजेगा. क्योंकि सरकार ने खेल नीति को मजबूत किया और खिलाड़ियों का हौसला भी बढ़ा रही है.
पदक जीतने वालों को सीएम की तरफ से बड़ा इनाम
उसका उदाहरण है कि योगी सरकार ने कॉमनवेल्थ से लौटे यूपी के खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश कर दी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने नई खेल नीति के तहत हाल ही में घोषणा की थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल्स जीतने वाले खिलाड़ियों को उचित सम्मान और पद से नवाजा जाएगा. इसके तहत, स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को एक करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वाले को 50 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा. साथ ही, सभी पदकवीरों को राजपत्रित अधिकारी का पद भी दिया जाएगा.
सीएम योगी करेंगे खिलाड़ियों के साथ डिनर
इतना ही नहीं, जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाए और कॉमनवेल्थ में हिस्सा लिया है उनका भी सम्मान किया जाएगा. साथ ही, सीएम योगी इन खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ डिनर करेंगे. यह सरकार की तरफ से अच्छी पहल हो रही है, क्योंकि पीएम मोदी भी देश के खिलाड़ियों से इसी अंदाज में मुलाकात करते हैं और उनका उत्साह बढ़ाते हैं.
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खेलों पर अब तक योगी सरकार का प्लान
ऐसा नहीं है कि यूपी में खेलों पर काम नहीं हो रहा. योगी सरकार की दूसरी पारी में खेलों और खिलाड़ियों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि हर मंडल में खेल महाविद्यालय यानी स्पोर्ट्स कॉलेज या फिर खेल अकादमी की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जाएगी. इसके लिए यूपी सरकार राज्य के लिए अलग से खेल नीतियां बनाने जा रही है. योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही खेलों को बढ़ावा देना अपनी प्राथमिकता में रखा है.
ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निर्माण
इसी को ध्यान में रखते हुए मेरठ में निर्माणाधीन मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है. मंगल दलों को किया जाए गठित सीएम योगी ने कहा कि इसके कुलपति खेल जगत के कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति ही बनाए जाएंगे.
इन बिंदुओं पर भी देना होगा ध्यान
ठोस खेल नीति बनानी होगी और उसके साथ खेल नीति का जोर शोर से प्रचार भी करना होगा, जिससे उत्तर प्रदेश की युवा पीढ़ी का खेलों के प्रति रुझान बढ़ाया जा सके. हालांकि, सरकार ने स्टेडियम तेज़ी से बढ़ाने के लिए फैसला लिया है. लेकिन यूपी एक बड़ा राज्य है और इसकी ज्यादातर आबादी गांवों में रहती है. ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के लिए सरकार को ग्रामीण स्तर पर स्टेडियम बनाने होंगे और वहां खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना होगा. साथ ही, स्कूल स्तर की खेल प्रतियोगिता भी बढ़ानी होंगी.
सीएम योगी का फोकस, यूपी को मिलें और पदक
इतना ही नहीं, जो पहले से मौजूद स्टेडियम हैं, उनमें कोच और सुविधाओं को बेहतर करना होगा. राज्य स्तर पर कुछ बड़ी खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन करवाना पड़ेगा, जिससे राज्य की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया जा सके. साथ ही, जिस तरह सीएम होगी हर योजना को लागू करने के बाद उसकी मॉनटरिंग पर खास फोकस रखते हैं, खेलों में भी उसको लागू करने पड़ेगा. इसके बाद ये बड़ा राज्य बड़े पदक देगा और खेलों में देश का नाम यूपी भी रोशन करेगा.
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