दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर का रियलिटी चेक: टिकैत नहीं छोड़ रहे धरनास्थल, कथनी और करनी में अंतर क्यों?
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दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर का रियलिटी चेक: टिकैत नहीं छोड़ रहे धरनास्थल, कथनी और करनी में अंतर क्यों?

गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की तरफ से तीन बैरिकेड लगाए गए हैं. इन बैरिकेड्स को किसान ही खोलते और बंद करते हैं. यह बैरिकेड केवल किसानों, मीडिया और एम्बुलेंस की गाड़ी के आने पर ही खोले जाते हैं...

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर का रियलिटी चेक: टिकैत नहीं छोड़ रहे धरनास्थल, कथनी और करनी में अंतर क्यों?

राहुल मिश्रा/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसान महीनों से धरना देकर बैठे हैं. लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीते दिन यह कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्ग को किसानों ने नहीं रोका है. यह रास्ता दिल्ली पुलिस की तरफ से रोका गया है, इसमें किसानों का कोई हाथ नहीं है. इस बात में कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए जब Zee UPUK की टीम गाजिपुर बॉर्डर पहुंची, तो नजारा कुछ और ही दिखा.

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किसानों ने लगाए हुए हैं 3 बैरिकेड
गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की तरफ से तीन बैरिकेड लगाए गए हैं. इन बैरिकेड्स को किसान ही खोलते और बंद करते हैं. यह बैरिकेड केवल किसानों, मीडिया और एम्बुलेंस की गाड़ी के आने पर ही खोले जाते हैं. आम इंसानों की गाड़ी को यहां से जाने की अनुमति नहीं है. हालांकि, यहां से निकलने वाली गाड़ियों को रोकते समय यह कहा जाता है कि आंदोलन से अराजक तत्वों को दूर रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है. कोई जबरदस्ती विवाद करने वाला ना घुस जाए, इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से गाड़ियों को आंदोलन स्थल से के करीब जाने नहीं दिया जा रहा.

किसान अभी भी वहीं पर डटे हैं, वहां से गए नहीं हैं. गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ आने वाले रास्ते पर अभी भी किसानों के तंबू और झोपड़ियां देखी जा सकती हैं. गाजीपुर फ्लाई ओवर पर भी किसान डटे हैं. ऐसी स्थिति को देखते हुए ही एहतियातन पुलिस की तरफ से भी बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस ने 6 लेयर की बैरिकेडिंग कर रखी है. गाजीपुर बॉर्डर के ऊपर और पुल के निचले हिस्से पर भी पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग की गई है, ताकि कोई भी दिल्ली की तरफ ना जा सके. लेकिन दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रास्ता पूरी तरीके से खुला हुआ है.

 

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पुलिस बैरिकेड खोल भी दे, तो भी बंद रहेगा मार्ग
वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने भी बड़ी संख्या में बैरिकेड लगाकर किसानों को आगे बढ़ने से रोका हुआ है. अगर आम जनता के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से रास्ता खोला जाता है, तो आंदोलनकारी आगे की ओर बढ़ जाएंगे और दिल्ली को घेरने की कोशिश करेंगे.

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कल टिकैत ने खुद उखाड़े थे तंबू
बीते गुरुवार दोपहर में गाजीपुर में दिल्ली की तरफ जाने वाले मार्ग को खोलने की तैयारी चल रही थी. टेंट हटाने के लिए काफी किसान आ गए थे. लेकिन, पुलिस ने शाम तक अपने बैरिकेड नहीं हटाए थे.

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