Knowledge: देश में हर राज्य में अलग-अलग तारीख को ड्राई डे होता है. वैसे ज्यादातर राज्यों में 2 अक्टूबर, 15 अगस्त और 26 जनवरी को ड्राई डे होता है. राज्य सरकारें अपने इलाके और वहां आने होने वाले त्योहार या किसी विशेष दिन को देखते हुए शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाती हैं. दरअसल, राज्य और केंद्र की अलग-अलग एक्साइज पॉलिसी होती हैं. सरकारें उसी के हिसाब से ड्राई डे की तारीख निर्धारित करती हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: कई बार आपने देखा होगा कि आपके आस-पास की सारी शराब की दुकानें बंद रहती हैं. ऐसे दिन को 'ड्राई डे' कहा जाता है. कई बार ड्राई डे होने पर लोग एक-दो दिन पहले से ही शराब लेकर रख लेते हैं. सरकारी दस्तावेजों में भी 'ड्राई डे' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'ड्राई डे' का शब्द कैसे चलन में आया. इसे 'ड्राई डे' ही क्यों कहा जाता है. आज हम इस आर्टिकल में आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं कि जिस दिन शराब की दुकानें बंद होती है, उसे ड्राई डे क्यों कहते हैं?
ड्राई डे कब होता है?
देश में हर राज्य में अलग-अलग तारीख को ड्राई डे होता है. वैसे ज्यादातर राज्यों में 2 अक्टूबर, 15 अगस्त और 26 जनवरी को ड्राई डे होता है. राज्य सरकारें अपने इलाके और वहां आने होने वाले त्योहार या किसी विशेष दिन को देखते हुए शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाती हैं. दरअसल, राज्य और केंद्र की अलग-अलग एक्साइज पॉलिसी होती हैं. सरकारें उसी के हिसाब से ड्राई डे की तारीख निर्धारित करती हैं.
पूरे देश में आज रविदास जंयती मनाई जा रही है. कई राज्यों में रविदास जंयती पर भी शराब की दुकानें बंद होती हैं. हालांकि, सारे राज्यों में ऐसा नहीं होता है. इसके अलावा जिस क्षेत्र में चुनाव होते हैं, उस दिन वहां शराब की दुकाने बंद होती है. उदाहरण के लिए यूपी में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. यहां दो चरणों में मतदान हो चुके हैं. अगला चरण 20 फरवरी को है. यानी 20 तारीख को जिन विस क्षेत्रों में चुनाव होंगे वहां शराब की दुकानें बंद रहेंगी.
ड्राई डे क्यों होता है ?
ड्राई डे घोषित करने के पीछे कई वजह होती हैं. अक्सर ड्राई डे राष्ट्रीय त्योहार और धार्मिक पर्व से जुड़े मौकों पर होता है. राष्ट्रीय पर्व पर सैनिकों, शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के लिए और धार्मिक पर्व पर धार्मिक भावनाओं को लेकर शराब की दुकानें बंद की जाती हैं. कई बार कानून व्यवस्था को लेकर भी शहर या राज्य में ड्राई डे घोषित कर दिया जाता है.
आखिर क्यों कहते हैं इसे ड्राई डे ?
ड्राई डे कहने का कोई ठोस वजह नहीं है, लेकिन माना जाता है कि जब किसी ने कुछ नहीं पिया हो तो इसका मतलब है कि वो ड्राई यानी सूखा है. ऐसे में इसे शराब के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, ये किसी तरह का आधिकारिक प्रमाण नहीं है.
पहली बार भारत में कब हुआ इस शब्द का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में सबसे पहले सन् 1926 में पंजाब के एक्साइज लॉ में ड्राई डे का जिक्र किया गया था. इसके बाद सन् 1950 में केंद्र सरकार में इसे पूरे भारत में लागू कर दिया. यही वजह है कि सरकारी डॉक्यूमेंट में भी ड्राई डे शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
Indian Railway: आप भी करते हैं ट्रेन से सफर, तो जानें कितना लगेज ले जा सकते हैं साथ, यहां जानें नियम
WATCH LIVE TV