बाराबंकी में ड्रैगन फ्रूट की खेती का जनक बना यह किसान, हर सीजन में कमा रहा 10 से 12 लाख का मुनाफा
Advertisement

बाराबंकी में ड्रैगन फ्रूट की खेती का जनक बना यह किसान, हर सीजन में कमा रहा 10 से 12 लाख का मुनाफा

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ड्रैगन फ्रूट फल के साथ एक दवा भी है. एंटीऑक्सीडेंट, बसा रहित, फाइबर से भरपूर ड्रैगन फ्रूट में कैल्शियम, मैग्नेशियम, खनिज और आयरन के अलावा प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और ए भी पाया जाता है.

बाराबंकी में ड्रैगन फ्रूट की खेती का जनक बना यह किसान, हर सीजन में कमा रहा 10 से 12 लाख का मुनाफा

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में गैर पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अनुदान मिलने के बाद बाराबंकी जिले में किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. बागबानी मिशन के तहत अनुदान मिलने के बाद जिले में इस फल की खेती शुरू करने वाले किसान लाखों रुपये का मुनाफा एक सीजन में कमा ले रहे हैं. बंपर मुनाफे क साथ यह फ्रूट स्वास्थ्य के नजरिए से भी काफी लाभकारी है. इसे पोषण का पावर हाउस भी कहा जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसका सेवन करने से लोगों के शरीर पर बुढ़ापे का असर कम हो जाता है, क्योंकि ये डाइबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ह्रदय के रोगियों के लिए रामबाण दवा भी है और इसका सेवन करने से प्लेटलेट्स भी बढ़ती हैं. भारत सरकार ने इसको कमलम फ्रूट नाम दिया है.

तीन बीघा से शुरू की थी खेती 
यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में जो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं,उनमें किसान गया प्रसाद मौर्या इसके जनक कहे जाते हैं. बाराबंकी मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर देवा शरीफ के पास मोहम्मदपुर बिशुनपुर गांव में प्रगतिशील किसान गया प्रसाद मौर्य ने तीन बीघे खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत की थी, जो अब डेढ़ एकड़ तक फैल चुकी है. उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से बागबानी मिशन के तहत 30 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान भी मिला है, जिसके बाद उनकी हिम्मत और ज्यादा मजबूत हुई है. 2011 में उन्हें कैंसर भी हुआ, और दवाई में अच्छा खासा कर्ज भी हो गया, लेकिन इस बीमारी से बाहर निकलकर उन्होंने अपने ही गांव, अपनी मिट्टी में अवसर ढूंढे और आज धीरे धीरे उनके जीवन की रेल खुद की बनाई पटरी पर सरपट दौड़ रही है. 

एक बार की खेती में तीस साल तक होता है मुनाफा 
ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है. ऐसे में बाराबंकी जिले में इसकी खेती काफी मुश्किल थी, लेकिन गया प्रसाद के हौसले से उनकी और उनके परिवार की मेहनत रंग लाई. इसी का नतीजा है कि आज वह ड्रैगन फ्रूट की खेती करके बंपर मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही और भी बाकी लोगों को इसकी खेती के टिप्स दे रहे हैं. खेती के साथ गया प्रसाद अब ड्रैगन फ्रूट के प्लांट भी लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं. गया प्रसाद की खेती देखकर आज जिले के कई और किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने लगे हैं और लाखों रुपये लाभ कमा रहे हैं. सबसे बड़ी बात इस फसल में एक बार की लागत में 30 साल तक किसानों को लाखों का मुनाफा हर सीजन में मिलता रहता है. 

तीन से चार सौ रुपये किलो बिकता है ड्रेगन फ्रूट 
किसान गया प्रसाद ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट स्वाद में मीठा और ताजगी भरा होता है. आम तौर पर ये वियतनाम, श्रीलंका, चीन की खेती है, जो देश में सबसे पहले गुजरात के कच्छ में शुरू हुई थी. भारतीय बाजारों में इसकी कीमत 300 से 400 रुपये प्रति किलो के आसपास रहती है. ड्रैगन फ्रूट के पौधे जमीन में सीमेंट के खंबों के सहारे खेत में लगाए जाते हैं.  इस पौधे को सिंचाई की भी ज्यादा जरूर नहीं पड़ती है. ड्रिप विधि के जरिए इसकी सिंचाई होती है. ऐसे में इसकी खेती किसी भी मौसम में नुकसानदायक नहीं है. उन्होंने बताया कि ठंडक के मौसम में इस फसल में फंगस लगने का थोड़ा डर रहता है, लेकिन वह भी जैविक खाद के छिड़काव के बाद खत्म हो जाता हैं. उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट उगाने के लिए वह रसायन केमिकल, कीटनाशक और फर्टिलाइजर का प्रयोग नहीं करते हैं, बल्कि जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट, नीम और गोमूत्र से बने कीटनाशक का प्रयोग करते हैं. साथ ही ड्रिप के माध्यम से सिंचाई आर्गेनिक ड्रैगन फ्रूट उगाते हैं.

जून से लेकर दिसंबर तक फल आते हैं 
 गया प्रसाद के मुताबिक शुरुआत में एक एकड़ खेत में इसके पौधे लगाने में 4 से 5 लाख रुपये खर्च आता है. एक बार कड़ी मेहनत के बाद जब इसका पौधा तैयार हो जाता है, तो इसमें अगले साल से ही फल आने लगते हैं. इसके पौधे जून से लेकर दिसंबर तक फल देते हैं. बारिश के सीजन में फल ज्यादा आते हैं. किसान गया प्रसाद ने बताया कि उन्होंने एक हजार पौधे गुजरात से मंगवाकर लगवाये थे. ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे से 10 से 15 फल मिलते हैं. 200 से 500 ग्राम वजनी इन फलों की सीजन में 300 से 400 रुपये प्रति किलो की कीमत मिल जाती है और यह आसानी से खेत से ही बिक जाता है. गया प्रसाद ने बताया कि पहले साल उनकी लागत लगी. उसके बाद बाकी सालों में केवल देखरेख का खर्च आता है. बाकी इस फसल में बंपर मुनाफा ही मुनाफा है. इस समय उन्हें 400 पोल पर लगे ड्रैगन फ्रूट के पौधों से एक सीजन में करीब 10 से 12 लाख का मुनाफा मिल रहा है.

वहीं ,बाराबंकी के जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की जिले में शुरुआत जल्द ही हुई है. इस उन्नत खेती को किसान गया प्रसाद के द्वारा किया जा रहा है. इनकी खेती को देखकर जिले के कई दूसरे किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती अब करने लगे हैं. गया प्रसाद और परिवार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती कर किसानों को नई राह दिखाई है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बागबानी मिशन के तहत ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिये किसानों को 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान देती है. इसके अलावा किसान इस फसल को लगाकर बंपर मुनाफा कमा रहे हैं.

ड्रैगन फ्रूट के फायदे 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ड्रैगन फ्रूट फल के साथ एक दवा भी है. एंटीऑक्सीडेंट, बसा रहित, फाइबर से भरपूर ड्रैगन फ्रूट में कैल्शियम, मैग्नेशियम, खनिज और आयरन के अलावा प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और ए भी पाया जाता है. बाकी विटामिन्स और खनिजों के भी अपने लाभ हैं. अपनी इन्ही खूबियों के कारण इसे सुपर फ्रूट भी कहा जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. साथ ही शुगर के नियंत्रण और रोकथाम में भी इसे प्रभावी माना जाता है.

WATCH LIVE TV

Trending news