Dussehra 2022 Prayagraj News: प्रयागराज का खान परिवार गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहा है.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: देशभर में नवरात्रि का जश्न चल रहा है. कल नवमी के साथ ही शारदीय नवरात्रि का समापन हो जाएगा. इसके बाद विजयदशमी का त्योहार मनाया जाएगा. त्योहार को देखते हुए संगम नगरी प्रयागराज के बाजारों में रौनक बढ़ गई है. इसी बीच इस धार्मिक शहर में एक अनोखा संगम देखने को मिल रहा है. एक ऐसा संगम जो गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बन गया है.
145 सालों से बनाते आ रहे हैं नवरात्रि और रामलीला मंचन के वस्त्र
प्रयागराज के शहर के चौक इलाके में एक मुस्लिम परिवार, कौमी एकता की मिसाल बनकर सामने आया है. जो पिछले 154 सालों से नवरात्रि और रामलीला मंच के वस्त्रों को बनाते हैं और बेचते हैं. अब इसे परंपरा कहें या व्यवसाय, लेकिन यह परिवार लंबे समय से यही काम करता है. चाहे बड़े-बुजुर्ग हों या बच्चे, पूरे खान परिवार का इसी काम में मन लगता है. परिवार का कहना है कि, इस काम में ज्यादा कमाई नहीं है. इसके बावजूद भी उन्हें यही काम पसंद है. उनका कहना है कि इस काम में वो ताकत छिपी है, जो शायद दुनिया की किसी दौलत में नहीं है. इस काम से उन्हें सुकून मिलता है.
स्कूल से लौटने के बाद बच्चे भी करते हैं काम
बुजुर्ग शख्स ने बताया कि, वे हनुमान जी का गदा बनाने का काम करते हैं. परिवार के दूसरे लोग वस्त्रों का सुंदरीकरण करने में लगे हुए हैं. खान परिवार के बच्चे भी स्कूल से आने के बाद घर के कारोबार में लग जाते हैं. तुफैल खान का कहना है कि उनको हर साल नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस काम में घर के सब लोग लगे रहते हैं. खान भण्डार नाम से प्रसिद्ध इस दुकान पर दूर-दूर से लोग आते हैं. इनके द्वारा बनाये गए वस्त्रों को रामलीला मंचन, दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली में खरीदते हैं.
ग्राहक भी खान परिवार के इस कारोबार से बेहद खुश हैं. ग्राहकों का कहना है कि यह प्रयागराज की सबसे पुरानी दुकान है. जहां पर देवी-देवताओं के वस्त्र मिलते हैं. कितनी दुकानें खुली और बंद हो गईं, लेकिन 150 सालों से यह चल रही है. इस दुकान की जिले में एक अलग पहचान बनी हुई है.