मथुरा: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसूफ पठान पहुंचे हाथी संरक्षण केंद्र, हथिनी 'नीना' और 'जारा' का जाना हाल
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मथुरा: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसूफ पठान पहुंचे हाथी संरक्षण केंद्र, हथिनी 'नीना' और 'जारा' का जाना हाल

पूर्व भारतीय क्रिकेटर, यूसुफ पठान ने देशभर में हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा मथुरा में संचालित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र और भारत का पहला हाथी अस्पताल का दौरा किया. 

मथुरा: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर यूसूफ पठान पहुंचे हाथी संरक्षण केंद्र, हथिनी 'नीना' और 'जारा' का जाना हाल

कन्हैया शर्मा/मथुरा: पूर्व भारतीय क्रिकेटर, यूसुफ पठान ने देशभर में हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा मथुरा में संचालित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र और भारत का पहला हाथी अस्पताल का दौरा किया. तीसरी बार वाइल्डलाइफ एसओएस के सेंटर में उपस्थिति दर्ज कराते हुए, क्रिकेट स्टार और पशु प्रेमी युसूफ पठान ने संस्था के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र (ईसीसीसी) में रहने वाले हाथियों का अभिवादन कर अपने दिन की शुरुआत की.

कर्मचारियों के साथ बिताय वक्त
वन्यजीव संरक्षण की दुनिया में गहराई से उतरते हुए, यूसुफ पठान ने हाथी सेंटर के निकट हाथी अस्पताल परिसर में जाने से पहले दोपहर के भोजन पर वाइल्डलाइफ एसओएस कर्मचारियों के साथ बातचीत कर समय बिताया. हाथी अस्पताल परिसर में, यूसुफ पठान ने 2017 में अपने पिछले दौरे के बाद से वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में हुए विकास कार्यों की काफी सराहना की.

उन्होंने हाइड्रोथेरेपी पूल भी देखा, जो घायल हाथियों को दर्द से आराम दिलाने और उनकी मांसपेशियों को ठीक करने में मददगार साबित हुआ हैं. वाइल्डलाइफ एसओएस की पशुचिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ इलयाराजा ने यूसुफ पठान को घायल, बीमार, या वृद्धावस्था से बचाए गए हाथियों की देखभाल के कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी.

युसूफ पठान हाथियों का जाना हाल 
उन्होंने युसूफ पठान को नेत्रहीन हथिनी नीना से मिलवाया, जिसे इस साल ही रेस्क्यू कर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया है और क्रिकेटर को उसकी सभी चिकित्सा प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया. यूसुफ पठान को ज़ारा हथिनी से भी मिलवाया गया, जिसे 2020 में बचाया गया था. इन अनूठी फैसिलिटी को अलविदा कहने से पहले, यूसुफ पठान ने वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारियों के लिए कैप और तस्वीरों पर ऑटोग्राफ भी दिए. 

2010 में हुई थी स्थापना
2010 में स्थापित, वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र अपनी तरह की पहली फैसिलिटी है. अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं के साथ, सेंटर में अवैध तरीके से बंदी बनाए गए और सर्कस से छुड़ाए गए 25 से अधिक हाथियों को उपचार प्रदान किया जा रहा है. सेंटर के ही निकट हाथी अस्पताल परिसर है, जो 12,000 फीट में फैला है. भारत में स्थापित होने वाले देश के पहले हाथी अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे की इनबिल्ट पैथोलॉजी लैब, घायल, बीमार या बूढ़े हाथियों की देखभाल के लिए सपोर्ट स्ट्रक्चर के साथ परीक्षण और उपचार प्रदान करता है. 

युसूफ पठान ने कहा, ''मैं पिछले 15 साल से वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ जुड़ा हुआ हूं. उनके सेंटर का यह मेरा तीसरा दौरा है. जब मैं पहली बार यहां आया था, तब वाइल्डलाइफ एसओएस शुरू ही हुआ था. तब से अब तक इस संस्था ने प्रशंसनीय विकास किया है. हाथियों के एन्क्लोज़र का विस्तार और अस्पताल में हाथियों को प्रदान की जाने वाली देखभाल जैसे कार्यों को देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा.'

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वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “यूसुफ पठान एक समर्पित वन्यजीव संरक्षक रहे हैं, जो वर्षों से लगातार हमारे काम का समर्थन करते आए हैं. वन्यजीव संरक्षण के लिए उनका समर्थन जनता को जंगली जानवरों के संरक्षण और इसकी आवश्यकता के बारे में एक सकारात्मक संदेश भेजने में मदद करेगा. ”

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, हमारा उद्देश्य हमारी देखरेख में जानवरों को स्वस्थ और सुखी जीवन देना है. युसूफ पठान जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का हमारे सेंटर में आना हमारी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को और भी ज्यादा बढ़ावा देगा, जिससे हमारी देखरेख में जानवर सम्मान और स्वतंत्रता के साथ रह सकें. 

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