5 साल बाद सूचना देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया अनोखा जुर्माना, ढाई सौ बच्चों को खिलाना पड़ा खाना
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5 साल बाद सूचना देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया अनोखा जुर्माना, ढाई सौ बच्चों को खिलाना पड़ा खाना

जनसूचना अधिकार ( Right to information) के तहत सूचना देने में देरी के मामले में यूपी के राज्य सूचना आयुक्त ने अनोखा जुर्माना लगाया है. जिसके तहत राज्य सूचना आयुक्त ने गाजीपुर के जन सूचना अधिकारी पर ढाई सौ बच्चों या प्राथमिक विद्यालय में मौजूद बच्चों को भोजन कराने का जुर्माना लगाया है.

5 साल बाद सूचना देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया अनोखा जुर्माना, ढाई सौ बच्चों को खिलाना पड़ा खाना

गाजीपुर: जनसूचना अधिकार ( Right to information) के तहत सूचना देने में देरी के मामले में यूपी के राज्य सूचना आयुक्त ने अनोखा जुर्माना लगाया है. जिसके तहत राज्य सूचना आयुक्त ने गाजीपुर के जन सूचना अधिकारी पर ढाई सौ बच्चों या प्राथमिक विद्यालय में मौजूद बच्चों को भोजन कराने का जुर्माना लगाया है. जिसके बाद आज सूचना अधिकारी विकास खण्ड मरदह पहुंचे. उन्होंने विद्यालय में मौजूद सभी बच्चों को अपने खर्च से मध्यान्ह भोजन कराया और फल भी दिया.

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कोटेदार की RTI अर्जी पर सूचना आयोग का एक्शन
मामला मरदह ब्लॉक के नोनरा गांव का है. जहां स्थानीय कोटेदार भूपेंद्र कुमार पांडेय के आरटीआई (RTI) अर्जी पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयोग ने पाया कि वर्तमान जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने जानकारी देने में जान बूझकर देरी नहीं कि, बल्कि अपरिहार्य कारणों से देरी हुई. इसलिए आयोग ने उन्हें प्राथमिक विद्यालय, नोनरा, मरदह और गाजीपुर के कुल 250 बच्चों को मिड-डे- मील (Mid day meal) में भोजन करा कर वीडियो रिकॉर्डिंग आयोग को भेजने का निर्देश दिया था. बता दें कि 5 साल बाद आरटीआई में मांगी गई सूचना उपलब्ध कराई गई है.

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जन सूचना अधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में जन सूचना अधिकारी ने बताया कि साल 2016 में स्थानीय कोटेदार भूपेंद्र ने गांव के विकास में खर्च हुए सरकारी धन की बिंदुवार सूचना मांगी थी. जिसे तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी व जन सूचना अधिकारी ने किसी वजह से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, यह मामला चलता रहा. संबंधित अधिकारियों के ट्रांसफर के बाद जब उन्होंने जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण किया. जब कुछ महीने बाद जानकारी हुई, तो मैंने 8 बिंदुवार सूचनाएं उपलब्घ कराई. इस मामले में 25 अप्रैल को राज्य सूचना आयुक्त लखनऊ के समक्ष दोनों उपस्थित हुए. जिसके बाद आयोग ने सूचना देने में देरी के कारण उन्हें नोनरा प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चों को भोजन करवाने का निर्देश दिया. आज नोनरा प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को भोजन करा कर वीडियो रिकार्डिंग कराई गई है. जिसे राज्य सूचना आयुक्त को भेजा जाएगा. 

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