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जय पाल/वाराणसी: ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case) को लेकर लगातार बयानबाजी सामने आ रही थी. अब हिंदू पक्ष के द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सीधी बहस की चुनौती दी गई है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की ओर से वादी राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को कोर्ट में बहस की चुनौती दी है. पत्र भेजकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आकर बहस करने की शर्त रखी है.
मामले में 6 जुलाई को होगी सुनवाई
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. तकरीबन 30 मिनट चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 6 जुलाई को नई डेट दे दी है. जस्टिस प्रकाश पाड़िया की सिंगल बेंच ने इस विवादित मामले की सुनवाई की थी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी. बता दें कि 19 मई को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट वाराणसी सिविल कोर्ट में दाखिल की गई थी.
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ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर ये है विवाद
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. लगभग 213 साल पहले, साल 1809 में ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ने को लेकर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' के तहत यह वाद नहीं चलाया जा सकता. बता दें कि एक्ट कहता है कि अयोध्या को छोड़कर अन्य किसी धार्मिक स्थल के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. आजादी के समय 15 अगस्त 1947 को जिस धार्मिक स्थल जिस स्थिति में था उसकी स्थिति बरकरार रहेगी.
मामले में चुनौती देने का सिलसिला जारी
अप्रैल 2021 में वाराणसी की अदालत ने मंदिर पक्ष की याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था. वाराणसी की अदालत के एएसआई सर्वेक्षण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की तरफ से 5 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई. अब ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट की सुनवाई के साथ ही बयानबाजी और चुनौती देने का सिलसिला जारी है.
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