अंतरजातीय विवाह करने वाली युवती ने पुलिस पर लगाए मारपीट के आरोप, HC ने SSP वाराणसी को सख्त कार्रवाई के दिए आदेश
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अंतरजातीय विवाह करने वाली युवती ने पुलिस पर लगाए मारपीट के आरोप, HC ने SSP वाराणसी को सख्त कार्रवाई के दिए आदेश

कोर्ट ने कहा कि ऐसे समय में जब कोई पीड़ित पुलिस के पास जाए, तो बजाय उसकी सुरक्षा के पुलिस हमलावर हो जाए तो यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है. जांच में अगर तथ्य सही पाए जाते हैं, तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दस दिनों में कठोर कार्रवाई की जाए. 

अंतरजातीय विवाह करने वाली युवती ने पुलिस पर लगाए मारपीट के आरोप, HC ने SSP वाराणसी को सख्त कार्रवाई के दिए आदेश

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: अंतरजातीय विवाह करने वाली युवती के साथ वाराणसी पुलिस पर मारपीट का गंभीर आरोप लगा है. हाईकोर्ट ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए एसएसपी वाराणसी को जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह मामला बेहद गंभीर है. जिसके ऊपर सुरक्षा की जिम्मेदारी हो, वही हमलावर की भूमिका में हो तो फिर सुरक्षा के लिए लोग कहां जाएंगे. कोर्ट ने एसएसपी वाराणसी से पूरे मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अंतरजातीय विवाह करने वाली युवती और उसके परिजनों को सुरक्षा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. कविता गुप्ता के पति की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ ने यह आदेश दिया है. 

तीन पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप 
याची ने पत्नी कविता गुप्ता को उसके भाइयों के अवैध हिरासत से मुक्त कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश युवती ने वाराणसी के मिर्जा मुराद थाने के तत्कालीन प्रभारी अभिषेक कुमार और दो महिला कॉन्स्टेबल पर अप्रैल 2021 में मारपीट के गंभीर आरोप लगाए. युवती ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने भी उसके साथ मारपीट की. 

युवती ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि वह काशी हिन्दू विश्विद्यालय से एमए की छात्रा है. उसकी उम्र 24 वर्ष है. वह बालिग है. उसने अपनी मर्जी से महेश कुमार विश्वकर्मा के साथ शादी की है, लेकिन परिवार के लोगों को यह पसंद नहीं है. ऐसे में अक्सर उनके साथ मारपीट और क्रूर व्यवहार करते रहते हैं. कोर्ट ने पूरे प्रकरण को सुनने के बाद सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच की जाए. 

दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश
इस दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसे समय में जब कोई पीड़ित पुलिस के पास जाए, तो बजाय उसकी सुरक्षा के पुलिस हमलावर हो जाए तो यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है. जांच में अगर तथ्य सही पाए जाते हैं, तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दस दिनों में कठोर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही एसएसपी वाराणसी को युवती और उसके पति को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिया. 

बालिग के वैवाहिक जीवन में दखलंदाजी का किसी को अधिकार नहीं- कोर्ट 
सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद युवती के भाइयों से कोर्ट ने कहा कि वह बहन से अपने संबंध पूरी तरीके से खत्म कर लें या उसे परेशान करना और कोई गलत व्यवहार करना छोड़ दें, क्योंकि वह बालिग है. उसने अपनी मर्जी से शादी की है. ऐसे में उसे अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है. उसके वैवाहिक जीवन में किसी भी तरीके की दखलंदाजी करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. 

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