International Nurses Day 2022: फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्मदिन क्यों है खास? जानें कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरुआत
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International Nurses Day 2022: फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्मदिन क्यों है खास? जानें कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरुआत

आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाने वाली फेलोरिंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 1974 से ही हुई थी. 

International Nurses Day 2022: फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्मदिन क्यों है खास? जानें कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरुआत

International Nurses Day 2022: हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई को मनाया जाता है. यह दिवस मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत नर्सों को समाज में उनके परिश्रम और सेवा के लिए सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. 12 मई का दिन की जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई? 

फेलोरिंस नाइटिंगेल थी आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक 
आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाने वाली फेलोरिंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 1974 से ही हुई थी. फ्लोरेंस नर्स के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थीं. उन्हें 'द लेडी विद द लैंप' कहा गया क्योंकि वो दिन-रात की परवाह किए बिना घायल सैनिकों की देखभाल में लगी रहती थीं. रात के अंधेरे में एक लालटेन की मदद से घूम-घूम कर मरीजों की सेवा करती थीं. उनके इसी त्याग और समर्पण को सम्मान देने इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा उनके जन्मदिन को इंटरनेशनल नर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा. 

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इंटरनेशनल नर्स डे 2022 की थीम
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस (International Council of Nurses)ने इस बार इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम 'Nurses: A Voice to Lead- Invest in Nursing and respect rights to secure global health' नर्सेस: नेतृत्व के लिए एक आवाज – नर्सिंग में निवेश करें और ग्लोबल हेल्थ को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें. है. 

International Nurses Day का महत्व
नर्सिंग के महत्व को समझने के लिए कोरोना महामारी के दौर में नर्सों की भूमिका को देखा जा सकता है. ये वो दौर है, जब सारा विश्व अपनी जान बचाने की कोशिस में लगा था पर नर्सस ने अपने जान की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों की सेवा की.  मरीजों की बेहतर देखभाल इनकी पहली प्राथमिकता रही. कई जिंदगी बचाने और उन्हें सेहतमंद बनाने के लिए ये हर समय तत्पर रहती हैं.

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