फर्जी डॉक्युमेंट व एनओसी के सहारे रजिस्ट्रेशन कराकर चोरी के वाहन बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का औरैया में भंडाफोड़, 7 शातिर गिरफ्तार
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फर्जी डॉक्युमेंट व एनओसी के सहारे रजिस्ट्रेशन कराकर चोरी के वाहन बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का औरैया में भंडाफोड़, 7 शातिर गिरफ्तार

औरैया जिले में पुलिस और एसओजी टीम की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी डॉक्युमेंट एनओसी के सहारे रजिस्ट्रेशन कराने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग के 7 सदस्य गिरफ्तार. पुलिस ने भारी मात्रा में ट्रक, बस, ट्रैक्टर बरामद किए. गैंग के सदस्य गाड़ियों को रीवा मध्य प्रदेश इत्यादि जगह से लूट कर लाते और अन्य जिलों में बेचते थे. साथ ही साथ अन्य वाहनों की फर्जी तरीके से नागालैंड, मणिपुर, उत्तराखंड व अन्य राज्यों से फर्जी एनओसी व रजिस्ट्रेशन करा  के इन गाड़ियों को बेचते थे. पढें पूरी खबर....

फर्जी डॉक्युमेंट व एनओसी के सहारे रजिस्ट्रेशन कराकर चोरी के वाहन बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का औरैया में भंडाफोड़, 7 शातिर गिरफ्तार

गौरव श्रीवास्तव/औरैया: औरैया जनपद में थाना पुलिस व एसओजी टीम की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी डॉक्युमेंट एनओसी के सहारे रजिस्ट्रेशन कराने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग के 7 सदस्यों समेत पुलिस ने भारी मात्रा में ट्रक, बस, ट्रैक्टर बरामद किए. पकड़े गए आरोपियों पर पूर्व में भी गाड़ियों को भाड़े के नाम पर लेकर उनके चेचिस नंबर बदलकर बेचने के संदर्भ में कई जनपदों में मामले पंजीकृत हैं. उपरोक्त मामले में औरैया जनपद के तत्कालीन एआरटीओ का भी नाम प्रकाश में आया है.

यूपी के औरैया जनपद में दिबियापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले रहमुद्दीन ने दिनांक 23 नवंबर को दिबियापुर थाना पुलिस को लिखित सूचना दी कि उसके ट्रक को एरवाकटरा के रहने वाले शमी अहमद ने किराए पर लिया था, लेकिन वर्तमान समय में वह न तो किराया दे रहा है और न ही गाड़ी वापस कर रहा है. अपने रुपए मांगने पर वादी को आरोपी जान से मारने की धमकी दे रहा है. इस पर पुलिस ने मामला पंजीकृत कर जब जांच शुरू की तो पुलिस के उच्चाधिकारियों के पैरों  तले जमीन खिसक गई. यह मामला सिर्फ गाड़ियों को किराए पर लेकर बेचने का नहीं था, बल्कि एक मालिक से गाड़ी खरीद करके उसकी चेचिस को बदलकर के अन्य जनपदों से गाड़ियों के कागज बनवा करके बेचने का मामला सामने आया. 

इस प्रकार एक ही ट्रक के नंबर उसके मालिक के नाम पर अलग-अलग क्षेत्रों के नंबर पर कागज बनवा करके इनका गाड़ियों को छुड़वाया जा रहा था. पुलिस ने जब वादी की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया तो पुलिस के सामने एक एक करके सात चेहरे सामने आए. पुलिस के अनुसार पकड़े गए मुख्य आरोपी शमी अहमद निवासी हमीरपुर थाना एरवाकटरा, आरोपी कोतवाल अली निवासी थाना एरवाकटरा, राम गोविंद गुप्ता ग्राम धनु पुरवा थाना कोतवाली जनपद हरदोई, विनय कुमार गुप्ता ग्राम धनु पुरवा थाना कोतवाली जनपद हरदोई, प्रेमचंद शर्मा निवासी काशीराम कॉलोनी जनपद औरैया, मोहम्मद सलमान निवासी थाना कोतवाली जनपद बहराइच, सुधीर कुमार गुप्ता निवासी रामगंज थाना कोतवाली जनपद फतेहपुर ये सभी आरोपी मिलकर ट्रक बस व ट्रैक्टर को किराए पर लेकर कुछ समय तक तो उसका पैसा देते, उसके बाद उपरोक्त गाड़ियों की चेचिस नंबर को बदलकर दूसरे जनपद के एआरटीओ से सांठगांठ करके नया नंबर लेकर उसको पुनः किसी दूसरे आदमी को बेच देते थे. इस प्रकार हेराफेरी करके एक ही गाड़ी पर फाइनेंस समेत चोरी व लूट का मामला दर्ज करवाकर फाइनेंस रुपया लेने के प्रकरण में भी कार्रवाई औरैया पुलिस के द्वारा की जा रही है.

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औरैया पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि पकड़ा गया मुख्य आरोपी शमी अहमद अपने साथियों के साथ मिलकर सर्वप्रथम ट्रक बस या ट्रैक्टर को किसी न किसी से किराए पर लेकर उस गाड़ी का चेचिस नंबर बदलकर जनपद औरैया समेत अन्य जनपदों के एआरटीओ दफ्तर में जाकर नई चेचिस के साथ गाड़ी का नया नंबर एलॉट करा लेता था. इसके बाद पुरानी गाड़ी के नंबर पर चोरी या लूट का मुकदमा दर्ज करा फाइनेंस कंपनी से रकम भी वसूल लेता था. ये लोग एआरटीओ कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों की सांठगांठ से नई गाड़ी का नई चेचिस नंबर लेकर उसको पुनः किसी ना किसी को बेच कर अपराध को अंजाम दे रहे थे. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से 13 वाहन बरामद हुए हैं. मामले में जनपद के आरटीओ औरैया कार्यालय में तैनात तत्कालीन एआरटीओ कार्यालय कर्मचारी व दलालों की संलिप्तता भी बताई जा रही है. गिरफ्तार अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने बताया कि यह लोग इस धंधे को काफी समय से कर रहे थे. गाड़ियों को रीवा मध्य प्रदेश इत्यादि जगह से लूट कर लाते और अन्य जनपदों में बेचते थे. इसके साथ ही साथ अन्य वाहनों की फर्जी तरीके से नागालैंड, मणिपुर, उत्तराखंड व अन्य राज्यों से फर्जी एनओसी व रजिस्ट्रेशन करा  के इन गाड़ियों को बेचते थे. 

पुलिस को वादी रहीमुद्दीन से सूचना मिली कि उनके ट्रक को समीम नाम के व्यक्ति द्वारा किराए पर लिया गया है. अब वह न ही ट्रक दे रहा और न ही किराया दे रहा है. इस पर तत्काल स्वाट टीम  एक्टिव हुई और छानबीन में सामने आया है कि समीम और उसकी गैंग के अन्य साथी अंतरराज्यीय गिरोह चला रहे थे. उसी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस इस पूरे गिरोह को पकड़ सकी.

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