एचआरए इम्पलॉई को दिया जाने वाला एक भत्ता है, जो उनके घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है. एचआरए पर टैक्स छूट तभी मिल सकती है जब आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट और किराये की रसीद हो.
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How to Claim HRA: नौकरीपेशा व्यक्ति अगर अपने घर में रहता है तो एचआरए के रूप में मिली रकम भी टैक्स के दायरे में आती है. इसकी वजह से सैलरी का एक बड़ा भाग टैक्स में चला जाता है, जबकि जो लोग किराये के मकान में रहते हैं वो बहुत आसानी से हाउस रेंट अलाउंस के जरिए अपना टैक्स बचा सकते हैं. जी हां, अगर आप भी किसी नौकरी में हैं और अपने घर में रहते हैं तो आप हाउस रेंट अलाउंस के जरिए टैक्स बचा सकते हैं. टैक्सेबल आमदनी की गणना एचआरए को कुल आय से घटाकर की जाती है. ऐसे में अपने घर में रहने वाले लोग माता-पिता को रेंट देकर टैक्स बचा सकते हैं.
क्या होता है HRA?
एचआरए इम्पलॉई को दिया जाने वाला एक भत्ता है, जो उनके घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है. इम्पलॉई अगर अपने घर में रहता है तो HRA भी टैक्सेबल हो जाता है. आयकर कानून के सेक्शन 10(13A) के अंतर्गत कुछ कंडीशन में एचआरए पर टैक्स छूट ली जा सकती है जब व्यक्ति के वेतन में एचआरए शामिल हो और वह किराए के मकान में रहता हो. ऐसे में रेंट में दिए गए पैसे पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसके बाद मूल वेतन की 10 फीसदी रकम घटा दी जाती है और बची रकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता.
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इसे ऐसे समझते हैं कि अगर आपकी सैलरी 1लाख रुपये है और आप 50 हजार रुपये साल में टैक्स देते हैं तो 1 लाख रुपये में से 10 परसेंट घटा दिया जाता है.
HRA क्लेम करने के लिए जरूरी कागजात
एचआरए पर टैक्स छूट तभी मिल सकती है जब आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट और किराये की रसीद हो. आप आसानी से अपने माता-पिता के साथ रेंट एग्रीमेंट बनवा सकते हैं, जिसपर माता-पिता का दस्तखत हो. आपके पास किराये की रसीद का होना भी जरूरी है, क्योंकि इनकम टैक्स अधिकारी चुकाए गए किराये की रसीद सबूत के तौर पर मांग सकते हैं. इस दौरान आपको यह ध्यान रखना होता है कि घर के कागजात पर आपका नाम ना हो.
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