कानपुर: सोना पकडे़ जाने के मामले में IT की जांच जारी,10 हैंडलर्स को सौंपा जाना था माल
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कानपुर: सोना पकडे़ जाने के मामले में IT की जांच जारी,10 हैंडलर्स को सौंपा जाना था माल

पूछताछ में पता चला कि सेंटर पर 10 अन्य हैंडलर मिलने वाले थे. यह सभी प्रयागराज फर्रुखाबाद समेत आसपास के जिलों में डिलीवरी देने वाले थे. 

सांकेतिक तस्वीर

श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर के सेंट्रल स्टेशन पर पकड़े गए सोने के बिस्किट,जेवरात के मामले में नए तथ्य सामने आए हैं. पुलिस और आयकर विभाग ने अलग-अलग पूछताछ की तो पता चला कि पकड़े गए जेवरात व डायमंड ज्वेलरी कानपुर के आसपास के 10 जिलों में सप्लाई होनी थी. कानपुर से 10 हैंडलर इसे लेकर रवाना होने वाले थे. पकड़े गए चारों आरोपियों को आयकर विभाग के हवाले कर दिया गया है. पकड़ा गया माल अभी भी जीआरपी के कब्जे में ही है. आगे की जांच आयकर विभाग करेगा क्योंकि टैक्स चोरी की बात सामने आ रही है.

आयकर विभाग ने जांच के बाद साफ किया कि चारों बैग में जेवरात बिस्कुट तथा 50 कैरेट के डायमंड मिले हैं, जिनका वजन 3 किलो 150 ग्राम है. इनकी कीमत तकरीबन डेढ़ करोड़ आंकी जा रही है. कुछ के बिल भी मिले हैं. लेकिन, ज्यादातर के बिल वाउचर नहीं पाए गए हैं.

इन जिलों में करने वाले थे डिलीवरी 
सूत्रों के मुताबिक साईं कोरियर कंपनी के एजेंट सुरेंद्र सैनी और रमेश सैनी ने बताया कि कोरियर कंपनी का एक दफ्तर कानपुर के मोती मोहाल स्थित सिद्धार्थ होटल में भी है. दोनों ने पूछताछ में बताया कि दीपक दिल्ली से आया था और रमेश वाराणसी से दो एजेंट कानपुर के थे. पूछताछ में पता चला कि सेंटर पर 10 अन्य हैंडलर मिलने वाले थे. यह सभी प्रयागराज फर्रुखाबाद समेत आसपास के जिलों में डिलीवरी देने वाले थे. आरोपियों के पास से कुछ मोबाइल नंबर भी मिले हैं. आयकर विभाग की टीम मोबाइल नंबर के आधार पर उन कारोबारियों की भी तहकीकात कर रही है. जिनकी फर्म में माल पहुंचाया जाना था.

ऐसे करते थे सोने की डिलीवरी  
जीआरपी सोर्सेज के मुताबिक पकड़े गए युवकों ने बताया है कि उनके साथी महीने में औसतम 12 दिन माल लेकर कानपुर आते थे. कोरियर कंपनी डिलीवरी मैन को केवल कानपुर स्टेशन पर भेजती है. कंपनी से ही बताया जाता था कि यहां से कहां जाना है. अक्सर सुरंग के रास्ते प्लेटफार्म नंबर 9 सोते हुए सिटी साइड निकल जाते थे. स्टेशन से 100 कदम के बाद चाय,पान,परचून की दुकानों पर हैंडरेल मिल जाते थे.फोन पर बताए गए हुलिया और कोडवर्ड से उनकी पहचान का माल सौंप दिया जाता था. आईटी विभाग को दस हैंडलर्स के नम्बर मिले है जिनके मोबाइल बंद जा रहे हैं. मोबाइल केवाईसी के जरिए विभाग इन तक पहुंचेगा.

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