नीना जैन/सहारनपुरः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के हाथों मारे गए सहारनपुर के सगीर का शव उनके घर आज सुबह 5:30 बजे एंबुलेंस से लाया गया. जैसी ही शव घर पर पहुंचा मातम की लहर दौड़ गई. सगीर अहमद हत्या के बाद उनकी लड़कियों का रो-रो कर बुरा हाल था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सगीर अहमद के शव को अंबाला रोड स्थित दाबिनी कब्रिस्तान लेकर जाया जा रहा है, जहां सगीर के शव को पूरी रस्मों के साथ दफनाया जाएगा. 6 माह पूर्व कोरोना के चलते सगीर अहमद की पत्नी का देहांत हो गया था और इसी का कर्जा उतारने के लिए वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक निजी फर्म में काम करने के लिए गए थे.


घर में अकेल कमाने वाले थे सागीर अहमद 
सगीर अहमद का परिवार सहारनपुर शहर के कुतुबशेर थाना क्षेत्र स्थित मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन में रहता है. सगीर अहमद जम्मू कश्मीर में बढ़ई का काम करते थे. वह एक साल पहले ही सहारनपुर से पुलवामा के एजाज अहमद वानी की फर्म में काम करने गए थे. शनिवार शाम को एजाज अहमद वानी की फर्म के एक कर्मचारी ने परिवार को कॉल करके इस घटना के बारे में जानकारी दी थी. 


कर्मचारी ने बताया कि आतंकी हमले के दौरान गोली लगने से सगीर अहमद की मौत हो गई. सगीर अहमद के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा चार बेटी और एक बेटा हैं. जैसे ही परिवार को उनकी मौत होने के बारे में पता चला तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.


शव लाने तक के नहीं थे पैसे 
वहीं, सागीर अहमद के परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे सागीर के शव को लेने के लिए जम्मू कश्मीर जा सके. इसके बाद समाज के लोगों ने पैसा इकट्ठा करके सागीर के परिजनों को जम्मू कश्मीर भेजा. जहां से आज सागीर का शव उनके मोहल्ले में पहुंच गया है. 


आसपास के लोगों ने घटना पर दुख जताया है. सगीर की हत्या के बाद परिवार वालों ने सरकार से मुआवजे और नौकरी की मांग की. परिवार का कहना है कि सगीर 1 साल से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे थे, वो बीच-बीच में घर आते रहते थे.


WATCH LIVE TV