उदयपुर घटना के कानपुर से जुड़ रहे हैं तार, दावत-ए-इस्लामी का पाकिस्तानी कनेक्शन आया सामने
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उदयपुर घटना के कानपुर से जुड़ रहे हैं तार, दावत-ए-इस्लामी का पाकिस्तानी कनेक्शन आया सामने

Udaipur Murder Case: सूफी खान खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कौसर हसन मजीदी का दावा है कि कानपुर के रायपुरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत डिप्टी पड़ाव में मस्जिद के अंदर दावत-ए-इस्लामी का मरकज है. इस संस्था को मिलने वाले फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा आतंकी घटनाओं के लिए किया जाता है.

उदयपुर घटना के कानपुर से जुड़ रहे हैं तार, दावत-ए-इस्लामी का पाकिस्तानी कनेक्शन आया सामने

श्याम जी तिवारी/कानपुर: उदयपुर में हुई कन्हैयालाल हत्या मामले (Kanhaiya Lal Murder Case) के तार उत्तर प्रदेश के कानपुर से जुड़ रहे हैं. उदयपुर घटना में दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) का नाम सामने आया है. जिसका मुख्य केंद्र कानपुर में बताया गया है. दावा किया जा रहा है कि दावत-ए-इस्लामी संस्था कानपुर में बॉक्स लगाकर चैरिटी फंड इक्कठा करती है. जिसमें हवाला दिया जाता है कि गरीब बेटियों की शादी के साथ अन्य जरूरतमंदों की मदद के लिए लोग चंदा दे. 

सूफी खानकाह एसो० के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया दावा 
सूफी खान खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कौसर हसन मजीदी का दावा है कि कानपुर के रायपुरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत डिप्टी पड़ाव में मस्जिद के अंदर दावत-ए-इस्लामी का मरकज है. इस संस्था को मिलने वाले फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा आतंकी घटनाओं के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि मदनी चैनल के नाम पर भी बडे़ पैमाने पर देश का धन पाकिस्तान भेजा जा रहा है. 

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तीन साल से बैन करने की मांग की जा रही 
आपको बता दें कि 2015 में दावत-ए-इस्लामी की अहम बैठक डिप्टी पड़ाव में हुई थी. जिसका वीडियो पाकिस्तान के मदनी चैनल द्वारा प्रसारित किया गया था. ZEE मीडिया के पास भी यह वीडियो मौजूद है, जिसमें पाकिस्तान से आए लोग भी शामिल होते दिखाई दे रहे हैं. सूफी खानकाह एसो० के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वह 3 साल से दावत-ए-इस्लामी को भारत में बैन करने की मांग कर रहे हैं. कानपुर में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं. 

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मस्जिदों में देश के युवाओं का किया जा रहा माइंडवॉश 
कौसर हसन मजीदी ने दावा किया है कि दावत-ए-इस्लामी व मदनी चैनल के नाम पर चंदा वसूलकर पाकिस्तान भेजा जा रहा है. चंदे की रकम का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है. वहीं दावत-ए-इस्लामी के लोग देश की मस्जिदों में अपने लोगों को बैठाकर युवाओं का माइंडवॉश करने का काम कर रहे हैं. उदयपुर की घटना इसकी नजीर है. उन्होंने सरकार से दावत-ए-इस्लामी पर बैन लगाने की मांग की है. इसके लिए वह 25 अन्य सूफियों के साथ गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. 

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