Knowledge News: i और j पर लगे डॉट को भी मिला है एक नाम... क्या आप यह बात पहले जानते थे? अगर नहीं जानते थे तो जरूर पढ़ें यह खबर... क्योंकि इंटरव्यू में भी पूछा जा चुका है यह सवाल...
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Dots on i and j: English में 26 लेटर्स होते हैं, जो दो तरीके से लिखे जाते हैं- अपर केस और लोअर केस (बड़ा A और छोटा a). इनमें से बात करते हैं लोअर केस लेटर्स की, यानी a, b, c, d, e, f... आदि. इनमें केवल 2 ही लेटर्स ऐसे हैं, जिनमें डॉट लगता है. आप जानते हैं वह कौन से हैं- i और j. क्या आपने कभी सोचा है कि इनपर यह डॉट क्यों लगाए गए? क्या आप यह जानते हैं कि इन डॉट का भी एक नाम होता है?
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यह होता है डॉट का असली नाम
हम माजक नहीं कर रहे.... दरअसल, यह सवाल इंटरव्यू में भी पूछा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, i और j पर लगने वाले डॉट को 'टाइटल' (Tittle) कहते हैं. वहीं, इसे ग्लिफ भी कहा जाता है. इस ग्लिफ से दूसरी भाषाओं में अक्षर का मतलब चेंज हो जाता है. हालांकि, इंग्लिश में इंग्लिश में i और j को यही पढ़ा जाता है, इस भाषा में इनका अर्थ नहीं बदलता.
इसलिए लगाए गए ये डॉट
बताया जाता है कि डॉट का इजाद लैटिन भाषा से हुआ है. लैटिन में इस टाइटल को 'टिटुलुस' कहा जाता है. लैटिन मैन्यूस्क्रिप्ट में सबजेक्ट लिखने के दौरान आस पास के शब्दों को i और j से अलग दिखाने के लिए इनपर ये डॉट लगाए गए थे.
हर भाषा में अलग मतलब
वहीं, रोमन के टाइफेस में टाइटल की शुरुआत 15वीं शताब्दी के अंत में हुआ था. कई ऐसी भी भाषाएं हैं, जिसमें i का इस्तेमाल किया जाता है और डॉट की वजह से इसे अलग दिखाया गया और अलग मतलब निकाले गए. दुनिया की ज्यादातर भाषाओं में बिंदी लगने से अक्षर का मायना बदल जाता है, लेकिन अंग्रेजी में ऐसा नहीं है. इंग्लिश में i और J को वही पुकारा गया जो I और J को पुकारा जाता है.
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