कानूनी पचड़े में फंसता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास ने गठन को बताया फर्जी
राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास ने कहा कि तथाकथित रूप से प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ में बनाई गई नई कार्यकारिणी फर्जी है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
मनमीत गुप्ता/अयोध्या: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास ने सोमवार को प्रयागराज बाघंबरी गद्दी मठ में हुए अखाड़ा परिषद के गठन को फर्जी बताया है. उन्होंने इसपर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद 20 अक्टूबर को हरिद्वार के महानिर्वाणी अखाड़ा में परिषद की एक बैठक बुलाई गई थी. इसमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के साथ-साथ कार्यकारिणी का चयन किया गया. इस बैठक में निर्वाणी, निर्मोही, दिगंबर, श्री पंच महानिर्वाणी, श्री पंच अटल, बड़ा उदासीन एवं निर्मल अखाड़ा के प्रमुख संत शामिल हुए थे. जिसमें बहुमत के आधार पर महंत अध्यक्ष और सचिव का चुनाव किया गया था.
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25 अक्टूबर को दूसरे गुट ने किया कार्यकारिणी का गठन
चुनाव में निर्मोही अखाड़ा के महंत राजेंद्र और निर्मल अखाड़ा के महंत ज्ञानदेव सिंह और सचिव जसविंदर सिंह शास्त्री का भी समर्थन हासिल हुआ था. जिसमें 20 अक्टूबर को निर्वाचित महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत रविंद्रपुरी को अध्यक्ष के रूप में चुना गया और महंत राजेंद्र दास को महामंत्री के रूप में चुना गया. वहीं, महंत गौरी शंकर दास को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. वहीं, दूसरे गुट ने 25 अक्टूबर को बाघंबरी गद्दी मठ में कार्यकारिणी का गठन किया. इसमें निरंजनी अखाड़े से रविन्द्र पूरी को अध्यक्ष चुना गया. इस गठन पर निर्वाचित अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास का कहना है कि 25 अक्टूबर को प्रयागराज में हुए तथाकथित अखाड़ा परिषद चुनाव फर्जी व लोगों को भ्रमित करने वाला है. इस बयान के बाद से अखाड़ा परिषद का विवाद अब कानूनी विवाद के रूप में जन्म लेता दिख रहा है.
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परिषद के महामंत्री ने किया समर्थन
महंत गौरीशंकर ने आगे कहा कि गठन में निर्मोही व निर्मल अखाड़ा के समर्थन की बात बताई गई है. जिसमें दावा किया गया कि 8 अखाड़ा उनके पक्ष में है. यह 8 अखाड़ों का समर्थन झूठा है. आपको बता दें निर्मोही अखाड़ा के संत व वर्तमान अखाड़ा परिषद के महामंत्री राजेंद्र दास ने अपना समर्थन हरिद्वार में गठित अखाड़ा परिषद को दिया था. इसके साथ ही निर्मल अखाड़ा के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह, जसविंदर सिंह शास्त्री ने भी अपना समर्थन दिया.
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25 अक्टूबर के गठन को बताया फर्जी
अखाड़ा परिषद का गठन हमेशा बहुमत के आधार पर होता रहा है. इस बार भी 20 अक्टूबर को हरिद्वार में बहुमत के आधार पर यह गठन हुआ. जिसमें 7 अखाड़े एक साथ खड़े हुए. लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अखाड़ा परिषद का चुनाव किया गया. लेकिन दुसरे गुट के गठन के बाद इस पर विवाद शुरु हो गया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास ने कहा कि महानिर्वाणी अखाड़ा के रविंद्र पुरी ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं. उन्हीं की कार्यकारिणी सही है. उन्होंने दावा किया कि तथाकथित रूप से प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ में बनाई गई नई कार्यकारिणी फर्जी है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
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