महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला: आनंद गिरी को बड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
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महंत नरेंद्र गिरी मौत मामला: आनंद गिरी को बड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

बीते मंगलवार को सीबीआई ने जमानत अर्जी के विरोध में काउंटर दाखिल किया था, जिसके बाद आनंद गिरी के अधिवक्ता ने सीबीआई के काउंटर का जवाब दाखिल किया.

फाइल फोटो.

मो. गुफरान/प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले (Narendra Giri Death Case) के आरोपी आनंद गिरी (Anand Giri) को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जिला न्यायालय ने आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट को बुधवार शाम 5 बजे ही जमानत पर फैसला सुनाना था, लेकिन सीबीआई के अनुरोध पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्वामी आनंद गिरी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. आनंद गिरी के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में उन्हें निर्दोष बताते हुए जमानत की मांग की. यह भी कहा कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह बेबुनियाद हैं. अभी तक की सीबीआई जांच में आनंद गिरी के खिलाफ कोई भी ठोस साक्ष्य सामने नहीं आ सके हैं. ऐसे में याची जमानत पाने का हकदार है. 

जमानत अर्जी का किया विरोध 
सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश सीबीआई के अधिवक्ताओं ने आनंद गिरी की जमानत अर्जी का विरोध किया. सीबीआई के वकीलों ने कहा कि महंत मौत मामले की विवेचना चल रही है. आनंद गिरी अगर जमानत पर रिहा होते हैं, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. मामले में उनके दखल से मुकदमा भी प्रभावित हो सकता है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की चली दो दिनों तक लंबी सुनवाई के बाद अपराध की गंभीरता को देखते हुए आनंद गिरि को जमानत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आनंद गिरी 22 सितंबर से नैनी जेल में बंद हैं. 

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अब तक 100 से ज्यादा लोगों के दर्ज हो चुके बयान
गौरतलब है कि सीएम योगी के निर्देश पर एसआईटी इन्वेस्टिगेशन कर रही थी, लेकिन संतों की मांग को देखते हुए बाद में सीएम ने सीबीआई से मामले की जांच की संस्तुति की. केस सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद जांच प्रक्रिया चल रही है. अभी तक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी है. सीबीआई घटना से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से छानबीन कर रही है. मठ, मंदिर और महंत नरेंद्र गिरी के करीबियों के साथ-साथ तीनों आरोपियों से जुड़े व्यक्तियों समेत लगभग 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. हालांकि, जिस आपत्तिजनक वीडियो का जिक्र सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने किया था. सीबीआई अभी तक आनंद गिरी या उनके किसी करीबी के पास से बरामद नहीं करा सकी है. 

आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील विनीत विक्रम सिंह ने जिला न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. उनका कहना है कि जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट जरूर स्वामी आनंद गिरी की जमानत अर्जी मंजूर करेगा. 

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20 सितंबर को हुई थी महंत की मौत 
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की लाश 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में पंखे से लटकते हुए मिली थी. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. नरेंद्र गिरि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इन तीनों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. वहीं, घटना के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. फिलहाल तीनों प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. 

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