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मयूर शुक्ला/लखनऊ:18 वर्ष पहले हुई बीजेपी नेता मालती शर्मा की हत्या में रिटायर डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी और बीजेपी पार्षद अलका मिश्रा और तीन अन्य आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. अपर सत्र न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इन आरोपितों पर सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है. अलका दोषी करार दिए जाने के बाद से ही फरार चल रही थी. इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद पुलिस ने रविवार को अलका मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
अलका मिश्रा ने रची थी साजिश
दरअसल. जून 2004 में बीजेपी नेता की हत्या मामले में मालती के पति प्रेमनाथ ने गाजीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि 7 जून को मालती दवा लेने गई थी लेकिन उनका शव कुकरैल बंधे पर मिला था. उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मालती मूलरूप से जौनपुर की रहने वाली थीं.
मर्डर केस में इन लोगों का नाम शामिल
इस मर्डर केस में आलोक दुबे, रोहित सिंह, अलका मिश्रा का नाम शामिल किया गया था. हत्या की सूचना मिलने पर तत्कालीन एसपी ट्रांसगोमती राजू बाबू सिंह और सीओ क्राइम राजेश्वर सिंह ने सिपाही राजकुमार राय और अलका के करीबी रोहित यादव को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड का खुलासा किया था. कोर्ट ने अलका मिश्रा और आलोक दुबे को हत्या की साजिश रचने, राजकुमार राय को हत्या, अपहरण, साजिश रचने और आर्म्स एक्ट और रोहित सिंह की हत्या और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया है.
अलका-मालती के बीच थी वर्चस्व की लड़ाई
बता दें कि रिटायर्ड डीआईजी पीके मिश्रा की पत्नी अलका मिश्रा की मालती से सियासी वर्चस्व को लेकर अदावत थी. दोनों ही भाजपा की नेता थीं. अलका बीजेपी के अवध क्षेत्र की पूर्व उपाध्यक्ष रहीं हैं. इस हत्याकांड में नाम आने के बाद भाजपा ने अलका मिश्रा को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया था. वहीं लोगों ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी.
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