मनीष गुप्‍ता मर्डर केसः आरोपियों की जेल की से हुई ऑनलाइन पेशी, CBI की अर्जी पर कोर्ट ने बढ़ाई 14 दिन की ज्‍यू‍डीशियल कस्‍टडी
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मनीष गुप्‍ता मर्डर केसः आरोपियों की जेल की से हुई ऑनलाइन पेशी, CBI की अर्जी पर कोर्ट ने बढ़ाई 14 दिन की ज्‍यू‍डीशियल कस्‍टडी

इसके पहले ही सीबीआई ने साक्ष्‍य संकलन के लिए केस हैंडओवर होने के बाद पहली बार सीजेएम न्‍यायालय पर आरोपियों की 14 दिन की ज्‍यूडीशियल रिमांड बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की. जिसे सीजेएम न्‍यायालय गोरखपुर ने स्‍वीकार लिया. 

मनीष गुप्‍ता मर्डर केसः आरोपियों की जेल की से हुई ऑनलाइन पेशी, CBI की अर्जी पर कोर्ट ने बढ़ाई 14 दिन की ज्‍यू‍डीशियल कस्‍टडी

गोरखपुरः कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की होटल में संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला अब सीबीआई को हैंडओवर हो चुका है. इस बीच सीबीआई पहली बार गोरखपुर के सीजेएम कोर्ट पहुंची. एसआईटी कानपुर की ओर से आरोपियों की तीन बार 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत की अवधि बुधवार को पूरी हो चुकी है. इसके पहले ही सीबीआई ने साक्ष्‍य संकलन के लिए केस हैंडओवर होने के बाद पहली बार सीजेएम न्‍यायालय पर आरोपियों की 14 दिन की ज्‍यूडीशियल रिमांड बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की. जिसे सीजेएम न्‍यायालय गोरखपुर ने स्‍वीकार लिया. अभी तक एसआईटी कानपुर के विवेचक द्वारा रिमांड ली जा रही थी.

कोर्ट ने मंजूर की 14 दिन की न्यायिक हिरासत
गोरखपुर के दीवानी न्‍यायालय के सीजेएम कोर्ट में बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से आरोपियों की पेशी हुई. कानपुर एसआईटी के द्वारा तीसरी बार 14 दिन की ज्‍यू‍डीशियल रिमांड बुधवार को यानी आज पूरी हो रही थी. इसके पहले ही सीजेएम ज्‍योत्‍सना यादव की कोर्ट में अर्जी दाखिल करने पहुंची सीबीआई की टीम के इंस्‍पेक्‍टर विवेक श्रीवास्‍तव ने 14 दिन की न्‍यायिक अभिरक्षा बढ़ाने के लिए आवेदन किया. जिसे कोर्ट ने स्‍वीकार करते हुए आरोपियों की 14 दिन की ज्‍यूडीशियल कस्‍टडी बढ़ा दी. सीबीआई को अब साक्ष्‍य संकलन के लिए समय मिल गया है.

एक सप्ताह से गोरखपुर में डेरा डाली है CBI 
सीबीआई कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की मौत के मामले में तह तक जाने के लिए पिछले एक सप्‍ताह से गोरखपुर में डेरा डाली हुई है. सीबीआई ने अभी तक मनीष के परिचितों और मानसी अस्‍पताल के चिकित्‍सक और कर्मचारियों से बारी-बारी से इस मामले में पूछताछ की है. अभी तक सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ नहीं की गई है. हालांकि एसआईटी कानपुर के अधिकारियों से सीबीआई की टीम ने बारीकी से घटनाक्रम को समझने और उनके द्वारा साक्ष्‍य संकलन और सुबूतों के बारे में जानकारी हासिल की है.

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घटनी की कड़ियों को जोड़ने में जुटी सीबीआई
गोरखपुर में डेरा डाली सीबीआई के अधिकारी बड़े ही इत्मिनान के साथ बारीकी से घटना की कडि़यों को जोड़ने में जुटे हुए हैं. अधिकारी इस मामले में किसी भी तरह की जल्‍दबाजी में नहीं हैं. गोरखपुर के एनेक्‍सी भवन में रुके सीबीआई के कानुपर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता के परिचित चंदन सैनी, राणा प्रताप चंद, धनंजय त्रिपाठी और दो अन्‍य के साथ दो बार पूछताछ कर चुके हैं.

मामले से जुड़े अलग-अलग लोगों से की जा रही पूछताछ 
इसके अलावा सीबीआई के अधिकारियों ने मानसी हॉस्पिटल के चिकित्‍सक और कर्मचारियों से भी पूछताछ की है. अभी सीबीआई के अधिकारी रामगढ़ताल थाना और होटल कृष्‍णा पैलेस और कमरा नंबर 512 में भी जांच करेंगे. इसके अलावा आरोपियों से भी इस मामले में अलग-अलग पूछताछ की जाएगी. इस मामले में सीबीआई ने इस मामले से जुड़े सभी लोगों से अलग-अलग पूछताछ की है. खास बात ये है. कि सीबीआई के अधिकारियों की ये पूछताछ दो घंटे से ढाई घंटे से ऊपर की ही रही है.

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आरोपियों के अधिवक्‍ता पीके दुबे ने बताया कि मनीष गुप्‍ता केस में केस टेकओवर करने के बाद पहली बार सीबीआई कोर्ट में आई थी. सीबीआई के इंस्‍पेक्‍टर विवेक श्रीवास्‍तव ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी कि विवेचना पूरी नहीं होने की वजह 14 दिन की ज्‍यू‍डीशियल कस्‍टडी बढ़ाने की मांग की. सीजेएम ने इस केस में छह आरोपियों की 14 दिन की न्‍यायिक अभिरक्षा बढ़ाने की अर्जी को मंजूर कर‍ लिया. उन्‍होंने बताया कि केस दिल्‍ली सुप्रीम कोर्ट ने केस का ट्रायल ट्रांसफर किया है.

आरोपियों के अधिवक्‍ता पीके दुबे ने बताया कि चार्जशीट यही पर फाइल हो जाने के बाद ट्रायल दिल्‍ली शिफ्ट होगा. सीबीआई को पहली रिमांड से 90 दिन के भीतर चार्जशीट फाइल करनी होती है. 90 दिन पूरा नहीं हुआ है. सीबीआई के पास अभी पूरा समय है. सीबीआई लखनऊ की टीम जांच कर रही है. जांच करके यहां चार्जशीट फाइल करेगी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्‍ली ट्रायल ट्रांसफर होगा. आरोपियों को अभी दिल्‍ली ले जाने का कोई आदेश नहीं आया है.

क्या है पूरा मामला 
गोरखपुर के रामढ़ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्‍णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में 27 सितंबर की रात कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की उस वक्‍त स‍ंदिग्‍ध पर‍ि‍स्थितियों में मौत हो गई थी. घटना में पुलिसवालों पर मनीष की पिटाई से मौत का आरोप लगा. मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी गुप्‍ता ने आरोप लगाया था कि रामगढ़ताल थाने के इंस्‍पेक्‍अर मुख्‍य आरोपी जेएन सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक राहुल दुबे, उप निरीक्षक विजय यादव, मुख्‍य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत ने दबिश के दौरान उनके पति मनीष की पीट-पीट कर हत्‍या कर दी.

इस मामले में एसआईटी कानपुर ने जांच की थी. इसी दौरान सभी छह आरोपियों को अक्‍टूबर माह में बारी-बारी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी की मांग पर केस को सीबीआई को सौंप दिया गया.

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