पूरे मामले की जांच के लिए सीएमओ ने उच्च जांच कमेटी गठित की है. जांच कमेटी ने बताया कि यह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे. इतना ही नहीं, इन्हें पहले भी नोटिस भी दिए जा चुके हैं, लेकिन इनकी ओर से कभी कोई जवाब नहीं दिया गया...
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मेरठ: भगवान का रूप कहे जाने वाले डॉक्टर्स पर भी अब भरोसा करना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के मेरठ में, जहां 10 डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. दरअसल, 10 झोलाछाप डॉक्टर खुद को MBBS बताकर मरीजों का इलाज कर रहे थे. वे लंबे समय से अपना ये काला कारोबार धड़ल्ले से चला रहे थे. जब सीएमओ के संज्ञान में डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा आया तो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.
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पहले भी मिल चुका है नोटिस
बता दें, पूरे मामले की जांच के लिए सीएमओ ने उच्च जांच कमेटी गठित की है. जांच कमेटी ने बताया कि यह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे. इतना ही नहीं, इन्हें पहले भी नोटिस भी दिए जा चुके हैं, लेकिन इनकी ओर से कभी कोई जवाब नहीं दिया गया.
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इन सभी के खिलाफ दर्ज हुआ केस
सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन के निर्देश पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने 10 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि आरोपियों में बिजेंद्र स्वरूप, फिरदोस, सुनील कुमार, कौसर अली, प्रमोद तोमर, अनुज सिरोही, अजय शर्मा, सुदेश शर्मा, धर्मेंद्र कुमार और शाहना परवीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
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