जूट की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर, सरकार के इस फैसले से मिलेगा लाभ
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जूट की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर, सरकार के इस फैसले से मिलेगा लाभ

अनाज की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. किसी और चीज का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी. इसके अलावा, चीनी की पैकिंग के लिए 20 प्रतिशत जूट की बोरियां इस्तेमाल की जाएंगी.

जूट की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर, सरकार के इस फैसले से मिलेगा लाभ

लखनऊ: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की ओर से किसानों के लिए एक बड़ फैसला लिया गया है. सरकार ने 10 नवंबर को कहा कि अनाज और चीनी की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. इससे जूट की खेती करने वाले किसानों और इससे संबंधित श्रमिकों को फायदा होगा. इसके साथ ही जूट की बोरियों की सप्लाई भी किसानों की ओर से ही की जाएगी. 

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जूट बोरियां कबसे होंगी जरूरी
गौरतलब है कि प्लास्टिक बैग की डिमांड बढ़ने की वजह से जूट का प्रयोग कम हो गया था. ऐसे में जूट की खेती करने वाले किसानों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा. इस मुश्किल को देखते हुए, केंद्र सरकार ने इसका निस्तारण करने की ठानी. इसके बाद फैसला लिया गया कि अनाज की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. किसी और चीज का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी. इसके अलावा, चीनी की पैकिंग के लिए 20 प्रतिशत जूट की बोरियां इस्तेमाल की जाएंगी. देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किसानों और श्रमिकों को इससे बहुत फायदा होगा, क्योंकि यहां के किसान ज्यादातर जूट की खेती करते हैं. 

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उत्तर प्रदेश के किसानों को भी फायदा
जानकारी के लिए बता दें, देश के कई राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश के कुछ तराई इलाके, बाकी बिहार, बंगाल, उड़ीसा और असम मिलाकर लगभग 16 लाख एकड़ भूमि में जूट पैदा किया जाता है. इससे लगभग 38 लाख गांठ (एक गाँठ का भार 400 पाउंड) जूट पैदा होता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के कई हजार किसानों को मोदी सरकार के इस निर्णय से फायदा मिल सकता है.

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भारत को आत्मनिर्भर बनाने की ओर सरकार का बड़ा कदम
सरकार का यह फैसला भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा. इसके तहत देश में ही जूट पैकेजिंग का कच्चा माल तैयार किया जाएगा. देश में पैकिंग बैग की कमी होने की वजह से यह फैसला लिया गया. बता दें, भारत के किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन बाजार से जोड़ने के लिए जीईएम पोर्टल (GeM Portal) (Government e-Marketplace Portal) लॉन्च किया गया है. इसके साथ ही, इसी पोर्टल पर जूट की बोरियों को बेचा जा सकेगा.

 

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