यूपी के मुरादाबाद के कूड़े से लहलहा रही दिल्ली एयरपोर्ट और गुजरात के नेशनल पार्क की हरियाली
Advertisement

यूपी के मुरादाबाद के कूड़े से लहलहा रही दिल्ली एयरपोर्ट और गुजरात के नेशनल पार्क की हरियाली

नगर निगम कूड़े से बना रहा है जैविक खाद, ईंधन और बिल्डिंग मैटेरियल, यहां की जैविक खाद की देशभर में जबरदस्त डिमांड...

यूपी के मुरादाबाद के कूड़े से लहलहा रही दिल्ली एयरपोर्ट और गुजरात के नेशनल पार्क की हरियाली

मुरादाबाद. पूरे देश में शहरों से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन एक चैलेंज बन गया है, वहीं उत्तर प्रदेश के शहर मुरादाबाद के नगर निगम ने यहां रोज निकलने वाले कचरे का बहुत ही प्रोडक्टिव उपयोग करना शुरू कर दिया है. उन्होंंने 400 मीट्रिक टन वेस्ट की प्रोसेसिंग कर तीन प्रोडक्ट बनाने शुरू कर दिए हैं जिनसे ना केवल इस कचरे का साइंटिफिक डिस्पोजल हो रहा है, बल्कि इन तीन प्रोडक्ट से फैक्ट्रीज को ईंधन भी मिल रहा है. इनसे बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए भराव का मेटेरियल भी मिल पा रहा है. इतना ही नहीं इनसे किसानों को जैविक खाद भी मिल रही है और उसी खाद से गुजरात के नेशनल पार्क में लगे पेड़ों के साथ-साथ दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास  हरियाली भी लहलहा रही है.

Zika Virus को लेकर CM Yogi कानपुर में करेंगे समीक्षा बैठक, संक्रमितों का आंकड़ा हुआ 106

मुरादाबाद के नगर निगम के द्वारा तैयार की गई इस खाद को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में ग्रीनरी का काम कर रही एक कंपनी और गुजरात के नेशनल पार्कों को भेजा जा रहा है. कूड़े से तैयार की गई इस जैविक खाद की डिमांड गुजरात दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में आ रही है. मुरादाबाद के नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो मुरादाबाद में कूड़े से तैयार इस खास को पिछले एक साल से इस प्रोसेसिंग प्लांट के आठ किलोमीटर लंबे दायरे में किसानों को फ्री में दिया जा रहा था. जब इसका रिजल्ट बहुत अच्छा रहा तो फिर नगर निगम के द्वारा इस खाद की मार्केटिंग करने के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई किया गया. लाइसेंस मिलने के बाद अब खाद को देशभर में सप्लाई किया जा रहा है। 

एक कंपनी के साथ करार भी किया
बड़ी संख्या में किसान भी अब यहां से जैविक खाद खरीद कर ले जा रहे हैं. मुरादाबाद नगर निगम ने अपने प्लांट से तैयार प्रोडक्ट को एक प्राइवेट कंपनी हरी-भरी के साथ करार कर पूरे देश में भेजना शुरू कर दिया है. नगर निगम अब इस कंपोस्ट खाद की बिक्री के लिए पार्लर भी बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें छोटे-छोटे खाद के पैकेट बेचे जाएंगे. इन्हें लोग यहां से खरीदकर अपने घर में पेड़-पौधों में उपयोग कर सकेंगे.

बढ़िया NRI नौकरी का झांसे में फंसकर गोवा से आगरा आए 4 लोग, इंटरव्यू के इंतजार में होटल रूम में रुके और हुआ कांड...

कूड़े के पहाड़ हो गए खत्म
मुरादाबाद नगर निगम आयुक्त संजय चौहान की मानें तो इस कचरे से टंचिंग ग्राउंड के पास कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ बन गए थे. वह भी अब धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं. नगर निगम को जहां इस खाद से इनकम हो रही है वहीं लोगों को अच्छी पैदावार भी मिल रही है. खाद की गुणवत्ता को देखकर इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. फिलहाल इसे बड़े-बड़े कट्टों में पैक कर डिमांड आने वाली जगहों पर भेजा जा रहा है.  नगर निगम को उम्मीद है कि जल्द ही 400 मीट्रिक टन कूड़े की रोज प्रोसेस कर इससे खाद, ईंधन और बिल्डिंग मटेरियल बनाने की गति वह हासिल कर लेंगे. खाद बनने के पूरे प्रोसेस को 28 दिन का समय लगता है. किसान भी इस खाद के इस्तेमाल से खुश हैं.

WATCH LIVE TV

Trending news