कौन दोषी कौन मासूम? तहसील परिसर में हुए विवाद पर दोनों पक्ष बता रहे अलग कहानी
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कौन दोषी कौन मासूम? तहसील परिसर में हुए विवाद पर दोनों पक्ष बता रहे अलग कहानी

मुरादाबाद तहसील में बद्तमीजी करने पर दो भाईयों के खिलाफ सिविल थाने में मामला किया गया दर्ज

कौन दोषी कौन मासूम? तहसील परिसर में हुए विवाद पर दोनों पक्ष बता रहे अलग कहानी

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मुरादाबाद तहसील (Moradabad tehsil) परिसर में एक युवक की बद्तमीजी का मामला सामने आया है. यहां एक बकाएदार ने जिला तहसील में कुछ फाइल फाड़ दीं, जिसके बाद उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं, आरोपी पक्ष की ओर से एक वीडियो दिखाकर आरोप लगाया जा रहा है कि पूरा मामला आरोपी के भाई के कृषि लोन (loan) का है. वहीं, आरोपी के भाई का कहना है कि पहले उसके और भाई के साथ मारपीट की गई और फिर भाई के खिलाफ ही केस दर्ज करा दिया गया. अब वह जेल में बंद है.

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क्या कहते हैं मुरादाबाद के प्रशासनिक अधिकारी? 
इस मामले में मुरादाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों (administrative officers) का कहना है कि आरोपी और भाई मुरादाबाद (Moradabad) के प्रीतमनगर के रहने वाले हैं. यहां इनका केले का गोदाम है. यह लोग केले पकाने और बेचने का काम करते हैं. आरोपी पक्ष ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) से लोन लिया था जिसकी अभी तक करीब 25 लाख रुपये रकम भरना बकाया है. इसमें अभी तक इनकी ओर से कोई पैसा नहीं भरा गया. इसकी पूछताछ के लिए आज इन्हें मुरादाबाद तहसील (Moradabad tehsil) बुलाया गया था. यहां आरोपी कुछ और लोगों को भी अपने साथ लेकर आए थे. जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होंने बैंक से लिए गए लोन की फाइल फाड़ दी. जैसे-तैसे कुछ पेपर्स को बचाया गया. इसके बाद आरोपी सरकारी काम में बाधा डालने लगे. 

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शिकायत कराई गई दर्ज
इसे देखते हुए थाना सिविल लाइन में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि जहां तक मारपीट का सवाल है अभी तक ऐसा कोई वीडियो सामने नहीं आया है. अगर मारपीट का कोई वीडियो संज्ञान में आता है तो उसको देखकर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं, इस पूरे मामले में आरोपी के भाई का कहना है कि 2 महीने पहले उसके कृषि क्रेडिट कार्ड की आरसी जारी हो गई थी. उसने बैंक से  वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) करा लिया था. इसके बाद 5 लाख 40 हजार रुपये तुरंत जमा करा दिए थे. बाकी रकम भरने के लिए बैंक ने उसे फरवरी तक का समय दिया था, लेकिन अचानक दुकान पर एक अमीम साहब आए और कहने लगे कि एसडीएम साहब ने ओटीएस पर साइन करने के लिए बुलाया है. 

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यह कहकर वह भाई को अपने साथ तहसील ले गए. यहां उन्होंने उसे बंदी बना लिया और भाई को बुलाने को कहा. आरोप है कि जब भाई ओटीएस पेपर लेकर पहुंचा, तो तहसील में ही कुछ लोगों ने भाई के साथ मारपीट की. इस दौरान दोनों भाइयों को चोटें भी आईं. अब आरोपी के भाई का कहना है कि कर्मचारियों ने उल्टा उनपर ही केस दर्ज करा दिया.

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