पिछले चुनाव से पहले ही यादव परिवार में ऐसी फूट पड़ा थी, जिसने चाचा-भतीजे को अलग रास्तों पर जाने पर मजबूर कर दिया था. अखिलेश यादव ने सपा की कमान संभाल ली थी और शिवपाल यादव ने थोड़े समय बाद साल 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी...
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शुभम पाण्डेय/लखनऊ: मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) एक ऐसा नाम जो एक समय पर उत्तर प्रदेश की सियासत की पहचान माना जाता था. साल 1939 में आज ही के दिन यानि 22 नवम्बर को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई (Saifai) में जन्मे मुलायम सिंह ने एक साधारण से परिवार से निकलकर पूरे यूपी की सियायत में अपना दम-खम दिखाया. आज उनके जन्दिन पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय में सुबह से ही चाहने वालों का तांता लगा हुआ है.
समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता सुबह 4:00 बजे से ही यहां पर मौजूद हैं. इन कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह यादव की दीर्घायु की कामना की और बताया कि चाचा शिवपाल के आने को लेकर समर्थकों में काफी ज्यादा उत्साह है. सभी कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं कि शिवपाल सिंह यादव और मुलायम सिंह यादव साथ में आ जाएं तो 2022 विधानसभा चुनाव की लड़ाई और आसान हो जाएगी.
बता दें, 3 नवंबर को ही अखिलेश यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह सपा-प्रसपा के गठबंधन (SP-PSP Alliance) के लिए तैयार हैं और पार्टी में चाचा शिवपाल को पूरा सम्मान भी दिया जाएगा.
चुनाव से पहले दूर करना चाहते हैं पारिवारिक कलह
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) में भाजपा को मात देने की कोशिश में अखिलेश यादव हर स्तर पर जोर आजमा रहे हैं. अब अखिलेश दूसरे दलों में दलित और पिछड़ी जातियों के नेताओं को सपा में शामिल करने के साथ अपने परिवार को भी एक करने में लगे हैं. दरअशल, यह देखा गया कि पिछले चुनावों में जब शिवपाल यादव सपा से अलग हुए तो इसका सपा पर बुरा असर पड़ा. ऐसे में सत्ता पाने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले पारिवारिक कलह को खत्म करना अखिलेश के लिए एक अच्छा विकल्प है. बताया जा रहा है कि इस संबंध में परिवार के लोग कई बार बात कर चुके हैं.
शिवपाल ने काटे थे अखिलेश के वोट
पिछले चुनाव से पहले ही यादव परिवार में ऐसी फूट पड़ा थी, जिसने चाचा-भतीजे को अलग रास्तों पर जाने पर मजबूर कर दिया था. अखिलेश यादव ने सपा की कमान संभाल ली थी और शिवपाल यादव ने थोड़े समय बाद साल 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. हालांकि, इन सालों में प्रसपा का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. लेकिन सपा के वोट काटने में शिवपाल का बड़ा रोल रहा.
मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर साथ होगा परिवार
2017 में शिवपाल ने कहा था कि उन्हें सपा में सम्मान नहीं मिल रहा, इसलिए पार्टी छोड़ रहे हैं. लेकिन अब अखिलेश यादव ने उनके वापस आने पर पूरा सम्मान देने की बात कही है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि मुलायम सिंह के जन्मदिन पर अखिलेश और शिवपाल एक मंच पर दिखेंगे और 5 साल बाद परिवार वालों की यह लड़ाई खत्म होगी.
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