तेरह अखाड़ों में से पांच अखाड़ों ने बैठक की तारीख को लेकर एतराज जताया है. सभी अखाड़ों के बीच सहमति नहीं बनने के चलते बैठक टलने की संभावना है.
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प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की मौत के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) में आपसी खींचतान बढ़ गई है. अखाड़ा के नए अध्यक्ष को लेकर 25 अक्टूबर को अखाड़ा परिषद की बैठक प्रस्तावित की गई थी, जिसके टलने की संभावना नजर आ रही है. दरअसल, तेरह अखाड़ों में से पांच अखाड़ों ने बैठक की तारीख को लेकर एतराज जताया है. सभी अखाड़ों के बीच सहमति नहीं बनने के चलते बैठक टलने की संभावना है. बैठक प्रयागराज के दारागंज स्थित श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में प्रस्तावित है.
अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने लगाए आरोप
अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी पर मनमर्जी तरीके से बैठक की तारीख तय करने का आरोप लगाया है. वहीं, तीनों अनि अखाड़ों के अलावा श्री पंचायती महानिर्वाणी और श्री पंचायती निर्मल अखाड़े ने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी की आकस्मिक मौत के बाद अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष पद खाली है. 25 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव होना है. लेकिन अखाड़ों के बीच तारीख को लेकर सहमति नहीं बनने से प्रस्तावित बैठक टल सकती है.
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आरोपियों की पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई आज
महंत मौत मामले में तीनों आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मांग वाली अर्जी पर आज सुनवाई होगी. प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करेगी. आरोपियों के वकील सीजेएम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. बता दें कि सीबीआई ने अपनी अर्जी में तीनों आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मांग की है. अर्जी में कहा गया है कि महंत मौत मामले की सच्चाई जानने के लिए तीनों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना जरूरी है. 22 सितंबर को सीजेएम कोर्ट ने आनंद गिरी और आद्या तिवारी को जेल भेजा है, जबकि तीसरे आरोपी संदीप तिवारी को 23 सितंबर को जेल भेजा गया था.
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20 सितंबर को हुई थी मंहत की मौत
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की लाश 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में पंखे से लटकते हुए मिली थी. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. नरेंद्र गिरि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इन तीनों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. वहीं, घटना के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. फिलहाल तीनों आरोपी प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
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