Nautanwa Assembly Seat: महराजगंज जनपद की 5 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 मार्च को छठवे चरण में मतदान होने हैं...नौतनवा में चुनावी मुकाबला रोचक हो चला है. इस सीट पर एक तरफ जहां कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के आरोपी जेल में बंद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी बसपा के हाथी पर सवार होकर चुनावी मैदान में है तो वहीं दूसरी तरफ ....
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अमित त्रिपाठी/महाराजगंज: महाराजगंज जिले की सबसे हॉट सीट नौतनवा में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है. बकि अभी तक इस सीट पर पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह और अमन मणि त्रिपाठी के बीच कड़ी टक्कर होती रही है. ऋषि त्रिपाठी को नौतनवा विधानसभा में जनता का समर्थन मिल रहा हैं. जिले की 5 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 मार्च को छठवे चरण में मतदान होने हैं.
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नौतनवा में चुनावी मुकाबला रोचक
महराजगंज जनपद की 5 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 मार्च को छठवे चरण में मतदान होने हैं.मतदान की तिथि नजदीक आते ही चुनावी सरगर्मी पूरे शबाब पर है. जनपद की सबसे चर्चित विधानसभा नौतनवा में चुनावी मुकाबला रोचक हो चला है.इस सीट पर एक तरफ जहां कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के आरोपी जेल में बंद पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी बसपा के हाथी पर सवार होकर चुनावी मैदान में है तो वहीं दूसरी तरफ अमरमणि के प्रबल विरोधी रहे पूर्व विधायक कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह सपा की साइकिल पर सवार होकर मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं वहीं भाजपा एवं निषाद गठबंधन ने भाजपा के जिला महामंत्री ऋषि त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा है। तीनों प्रत्याशी पूरे जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं.
किसी से चुनौती नहीं-अमनमणि त्रिपाठी
चुनावी मैदान में उतरे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद थे. उस समय निर्दल प्रत्याशी के रूप में अमनमणि चुनावी मैदान में उतरे थे और उनकी दोनों बहने तनुश्री व अलंकृता ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी और अपने भाई को जीत दर्ज कराई. इस बार अमनमणि ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाली है और उनकी दोनों बहनों सहित दूसरी पत्नी ओशिन भी चुनावी प्रचार में जुटी हुई हैं. अमन इस बार के चुनाव में क्षेत्र में कराए गए विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं और जन समर्थन के बल पर भारी बहुमत से जीत का दावा भी कर रहे हैं.
सपा की उम्मीदवार कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह
वहीं समाजवादी पार्टी के साइकिल पर सवार होकर चुनावी मैदान में उतरे अमरमणि त्रिपाठी के घोर विरोधी रहे पूर्व विधायक कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे. लेकिन उनकी नज़दीकियां समाजवादी पार्टी के साथ ज्यादा थीं. मुन्ना सिंह के बड़े भाई कुंवर अखिलेश सिंह महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से सपा से एक बार सांसद एवं नौतनवा विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं. इस बार के चुनाव में दोनों भाई पूरी मजबूती के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और जनता के भारी जन समर्थन का दावा करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों के नाम पर भारी बहुमत से जीत दर्ज करने का ताल ठोक रहे हैं.
भाजपा निषाद गठबंधन उम्मीदवार ऋषि त्रिपाठी दिखा रहे दमखम
वही इस मुकाबले को रोचक बनाने के लिए भाजपा एवं निषाद गठबंधन से चुनावी मैदान में उतरे ऋषि त्रिपाठी पूरे दमखम के साथ मतदाताओं से रूबरू हो रहे हैं.विरोधी पार्टियों द्वारा ऋषि पर बाहरी होने का आरोप लगाया जा रहा है.जबकि ऋषि का कहना है कि वह बीते 11 साल से महराजगंज जनपद में भाजपा संगठन से जुड़कर जनता की सेवा में जुटे हुए हैं.उनका कहना है कि नौतनवा क्षेत्र की जनता को इन दो खेमों के नेताओं ने सिर्फ चलने का काम किया. भाजपा ने गरीब किसान मजदूर युवाओं के विकास के लिए बिना भेदभाव के समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है. जनता अब इन दोनों नेताओं के बहकावे में आने वाली नहीं है.आने वाले 3 मार्च को जनता अब उन्हें सबक सिखाने जा रही है और भाजपा निषाद गठबंधन इस सीट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज कर क्षेत्र में विकास के नए आयाम दर्ज करेगी.
अमनमणि के लिए राह नहीं आसान
नौतनवा विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमनमणि त्रिपाठी के लिए जीत की राह आसान नहीं दिख रही है. जहां एक तरफ अमनमणि त्रिपाठी को विरोधियों का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी की हत्या में आरोपी अमनमणि को सारा सिंह की माँ सीमा सिंह और निधि शुक्ला के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. यह दोनों पार्टी टिकट ना देने को लेकर भी सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया था.
दरअसल अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोप में अमनमणि भी जेल जा चुके हैं और अभी भी केस चल रहा है. अमनमणि और सारा की प्रेम कहानी एक समय काफी चर्चित हुई थी. इससे पहले राजधानी लखनऊ में नौतनवा से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला व सारा सिंह की मां सीमा सिंह ने मोर्चा खोला दिया था.गौरतलब है कि अमनमणि के पिता अमरमणि त्रिपाठी कवियत्री मधुमिता शुक्ला के हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. यह सीट हमेशा से एक अलग पहचान रखती है.अब देखने वाली बात यह होगी कि जनता का रुझान फिर एक तरफ किसके तरफ जाती है और किसको सर पर जीत का सेहर बांधती है.
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