Dharma Sabha in Moradabad: धर्मसभा में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अगर मैंने नरसिम्हा राव की सरकार में विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए होते तो राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ बगल में मस्जिद भी बन गई होती
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मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने एक बड़ा बयान दिया है जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां पर आयोजित धर्म सभा में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा- मुस्लिम रहीम-रसखान बन कर देश में रहें तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. पीतल नगरी में पहली बार हुई धर्मसभा में धर्म, आध्यात्म, विज्ञान, ज्योतिष, राष्ट्रीयता, हिंदू, हिंदुत्व, राष्ट्रीय और हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर प्रश्न उठाए गए.
मोदी -योगी को सावधान रहने की आवश्यकता
विराट धर्म सभा मे जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने अयोध्या की मस्जिद ओर बड़ा बयान दिया. गोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने अयोध्या में मस्जिद के लिए जमीन दिए जाने पर असंतुष्टि जाहिर की है. उन्होंने आगाह करने जैसी भाषा में कहा कि मोदी, योगी सावधान, नहीं तो तीन पाकिस्तान बन जाएंगे. आपको सावधान रहने की आवश्यकता है.
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भारत में रहने वाला हर व्यक्ति
धर्म सभा में इस दौरान हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र का मुद्दा सर्वाधिक चर्चा में रहा. पुरी पीठाधीश्वर ने कहा कि हम सभी सनातनी हैं, हिंदू जीवन पद्धति है और राष्ट्रीयता से जुड़ा है इसलिए भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है तो देश को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए. भारत निश्चित ही हिंदू राष्ट्र बनेगा.
एक सवाल के जवाब में कहा कि योगी और मोदी से पूछें कि रामलला का मंदिर बन रहा है, इसमें उनकी क्या भूमिका रही है. जगतगुरु महाराज ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार के समय रामालय ट्रस्ट बना था. यदि पुरी के शंकराचार्य के रूप में मैंने रामालय ट्रस्ट के कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए होते तो राम मंदिर उसी समय बन गया होता और उसके आसपास मस्जिद बन गई होती. उन्होंने हस्ताक्षर नही किए इसलिए मस्जिद 25 किलोमीटर दूर बन रही है. साइन न करने की वजह से आज अयोध्या में केवल राम का मंदिर बन रहा है.
यहां पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पूर्वज हिन्दू
वहीं हिन्दू राष्ट्र पर पर उनका कहना था कि यहां पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पूर्वज हिन्दू ही थे. जब अपने पूर्वज की पहचान होगी तो हिन्दू राष्ट्र में आस्था होगी ही. मोहम्मद साहब और बाइबिल से पहले कोई मौलिक धर्म था या नही इस पर विचार करने की आवश्यकता है.
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