CM योगी के सपने को 31 साल बाद आज साकार करेंगे PM मोदी, पूर्वांचल को देंगे बड़ी सौगात
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CM योगी के सपने को 31 साल बाद आज साकार करेंगे PM मोदी, पूर्वांचल को देंगे बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 7 दिसंबर को पूर्वांचल के लोगों को बड़ी सौगात देने के लिए गोरखपुर आ रहे हैं. पीएम मोदी गोरखपुर में एक साथ तीन बड़ी योजनाओं का लोकार्पण करेंगे.

फाइल फोटो

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 7 दिसंबर को पूर्वांचल के लोगों को बड़ी सौगात देने के लिए गोरखपुर आ रहे हैं. पीएम मोदी गोरखपुर में एक साथ तीन बड़ी योजनाओं का लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री खाद कारखाना, एम्स और वायरोलॉजी के रूप में स्थापित 9 लैब का उदघाटन करेंगे.

क्या है पूरा कार्यक्रम?
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 दिसंबर को दोपहर करीब 12:25 बजे विशेष विमान से दिल्ली से गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वहां से हेलीकॉप्टर से करीब 12:50 बजे फर्टिलाइजर खाद कारखाना परिसर स्थित हेलीपैड पर लैंड करने के बाद सड़क मार्ग से मुख्य मंच तक जाएंगे. प्रधानमंत्री अपराहन 1:00 से 2:15 बजे तक मंच पर मौजूद रहेंगे और खाद कारखाना का लोकार्पण करेंगे. 

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट का करेंगे उद्घाटन 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट रहीं फर्टिलाइजर खाद कारखाना, गोरखपुर एम्स का पीएम मोदी सोमवार को उद्घाटन करेंगे. गोरखपुर में वर्ष 1990 में फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का कारखाना बंद हो गया. इस खाद कारखाने को चालू कराने के लिए योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद 19 सालों तक संघर्षरत रहे. वर्ष 1998 से लेकर मार्च 2017 तक उनके संसदीय कार्यकाल में उन्होंने इसके लिए हर बार अपनी आवाज बुलंद की. योगी आदित्यनाथ की पहल और मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. अब पीएम मोदी 7 दिसंबर को को इसका उद्घाटन करेंगे. 

सीएम योगी ने बतौर सांसद गोरखपुर में खाद कारखाना स्थापित करने के लिए केवल संघर्ष ही नहीं किया, बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद इसके निर्माण को तीव्र करने में योगदान दिया है. सीएम योगी की पहल से कोरोना काल के दौरान भी खाद कारखाना का निर्माण कार्य जारी रहा. खाद कारखाने की स्थापना व संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने निभाई है. 

क्या है एचयूआरएल?
एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं. जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझेदार हैं. 

बिहार और नेपाल में भी होगी आपुर्ति
गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण में करीब 8,603 करोड़ रुपये की लागत आई है.कारखाना परिसर में दक्षिण कोरिया की विशेष तकनीक से 30 करोड़ की लागत से विशेष रबर भी बनाया गया है. इस रबर पर बुलेट का भी असर नहीं होता है. एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3,850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उत्पादन की है. इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आएगी. इसके उत्पादनशील होने से पूर्वी यूपी के साथ ही बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी. आगामी समय में गोरखपुर में बनी यूरिया से पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी. 

पूर्वांचल के युवाओं को दी गई नौकरी 
गोरखपुर खाद कारखाने में बना प्रीलिंग टावर विश्व में सबसे ज्यादा ऊंचा है. इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार की ऊंचाई से दोगुनी से भी अधिक है.प्रीलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होगी. नीम कोटेड यूरिया से खेतों की उर्वरा शक्ति और बढ़ेगी. खास बात यह भी है कि इस खाद कारखाना में 30 फीसद से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है. इनमें लड़कियों व महिलाओं की संख्या ज्यादा है.

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