अक्सर लोग कहते हैं की जोड़ियां आसमान में बनती हैं, नीचे बस उनको जमीन पर उतारा जाता है..... हरदोई जिले में सरोजिनी और उसके मंगेतर आदित्य की कहानी भी ऐसी है जो रुपहले परदे की कहानी को मात देती है. ...एक अप्रैल को एक सड़क हादसे में आदित्य गंभीर रूप से घायल हो गया. उनका दाहिना पैर बुरी तरह जख्मी हो गया... जान बचाने के लिए एक पैर घुटने के..
Trending Photos
आशीष द्विवेदी/हरदोई: यूपी के हरदोई में एक ऐसी रियल लाइफ स्टोरी देखने को मिली, जिसको देख हर कोई हैरान है. दरअसल मंगेतर ने सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा दिया जिसके बाद युवती ने हॉस्पिटल में साथ रहकर उसकी देखभाल की. सिर्फ इतना ही नहीं ठीक होने पर सात फेरे लेकर उसकी जीवन साथी बन गई. जिले में ये शादी चर्चा का विषय बनी हुई है.
अयोध्या: भगवान राम को गर्मी से राहत दिलाने के लिए कनक भवन मंदिर परिसर में सजी फूलों की झांकी, फूल-बंगला में विराजे रामलला
किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है सरोजिनी-आदित्य की कहानी
अक्सर लोग कहते हैं की जोड़ियां आसमान में बनती हैं, नीचे बस उनको जमीन पर उतारा जाता है. हरदोई जिले में सरोजिनी और उसके मंगेतर आदित्य की कहानी भी ऐसी है जो रुपहले परदे की कहानी को मात देती है. दरअसल, सरोजिनी और आदित्य की शादी पिछले साल तय हुई थी. इस साल 12 मई को दोनों के एक मंडप में फेरे होने थे. लेकिन एक अप्रैल को एक सड़क हादसे में आदित्य गंभीर रूप से घायल हो गया. उनका दाहिना पैर बुरी तरह जख्मी हो गया. जान बचाने के लिए एक पैर घुटने के ऊपर से काटना पड़ा.
अस्पताल में की तीमारदारी
सरोजनी को जब हादसे की जानकारी हुई तो वो आदित्य की तीमारदारी में लग गयी.उसके बाद उसने आदित्य से शादी की नियत तिथि पर दुल्हन बनकर विवाह रचाया. अब ऐसे में आदित्य अपनी पत्नी का साथ पाकर बेहद खुश है. कक्षा आठ पास सरोजिनी के पिता रामशंकर खेती करते हैं. उसकी मां की मौत हो चुकी है.ऐसे में सरोजनी ने तमाम विरोध के बाद भी अपने पति का हाथ थामकर एक मिसाल कायम कर दी है.
सरोजिनी ने नहीं छोड़ा आदित्य का साथ
सरोजनी के घर वाले भी आदित्य के साथ हुए हादसे के बाद शादी को लेकर ढीले पड़ गए थे. उन्होंने सरोजनी को समझाने का प्रयास किया. लेकिन सरोजनी ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के सामने आदित्य के संग ही शादी करने का अपना फैसला सुना दिया.
पैर में इंफेक्शन के खतरे के बाद काटना पड़ा पैर-पिता
बहू के आगमन और बेटे की हालत देखकर आदित्य के पिता की आंखें बार-बार नम हो जाती हैं. आदित्य चार भाई, चार बहन हैं. पिता कलेक्टर के अनुसार एक अप्रैल की देर रात गांव से जहानीखेड़ा जाते वक्त किसी वाहन ने आदित्य की बाइक को टक्कर मार दी तो वह उसे शाहजहांपुर ले गए और फिर वहां से लखनऊ में भर्ती कराया. लखनऊ में 4 अप्रैल को पैर की प्लास्टिक सर्जरी के बाद इन्फेक्शन फैलने के कारण पैर काटना पड़ा. ऐसे में आदित्य की शादी के लिए वो सोच भी नहीं पा रहे थे लेकिन उनकी बहू ने आदित्य का साथ पूरी तरह निभाया.
यूपी-उत्तराखंड की इन बड़ी खबरों पर बनी रहेगी नजर, एक क्लिक पर पढ़ें 18 मई के बड़े समाचार
Watch live TV