लखनऊ कैंट सीट: इस हॉट सीट पर दांव पर दलों की प्रतिष्ठा... किसके साथ गए ब्राह्मण मतदाता?
Advertisement

लखनऊ कैंट सीट: इस हॉट सीट पर दांव पर दलों की प्रतिष्ठा... किसके साथ गए ब्राह्मण मतदाता?

लखनऊ कैंट सीट पर बीजेपी और सपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस सीट पर बीजेपी ने 4 बार के विधायक सुरेश तिवारी का टिकट काटकर  राज्य के क़ानून मंत्री बृजेश पाठक को मैदान में उतारा. लखनऊ कैंट हॉट सीट पर इस बार बीजेपी की एक और दावेदार अपर्णा यादव भी थीं, लेकिन उन्हें भी यहां से टिकट नहीं मिल सका. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस बार पार्षद राजू गांधी पर दांव लगाया है. 

 

लखनऊ कैंट सीट: इस हॉट सीट पर दांव पर दलों की प्रतिष्ठा... किसके साथ गए ब्राह्मण मतदाता?

लखनऊ: हॉट सीट मानी जा रही लखनऊ कैंट सीट पर BJP और SP की प्रतिष्ठा दांव पर है.  इस सीट पर ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका निभाता है और ये सीट लखनऊ की अन्य 8 सीटों को भी प्रभावित करती है.  इस सीट पर बीजेपी ने 4 बार के विधायक सुरेश तिवारी का टिकट काटकर  राज्य के क़ानून मंत्री बृजेश पाठक को मैदान में उतारा. सुरेश तिवारी 1996, 2002, 2007 और 2019 के उपचुनाव में जीते थे. 2017 में जीत दर्ज करने के बावजूद इस बार बीजेपी ने उनकी सीट बदल दी है. 

सुरेश तिवारी के अलावा इस सीट पर बीजेपी के कई दावेदार थे.  सुरेश तिवारी की तरह रीता बहुगुणा जोशी भी लखनऊ कैंट सीट से 2012 में कांग्रेस के टिकट पर और 2017 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुनी गई थीं. लेकिन 2019 में पार्टी ने उन्हें प्रयागराज से लोकसभा का टिकट दिया और वो जीतकर संसद पहुंचीं.  इसके बाद वो लखनऊ कैंट से बेटे मयंक जोशी का प्रतिनिधित्व चाहती थीं. लेकिन, पार्टी ने मंयक को टिकट नहीं दिया. लखनऊ कैंट हॉट सीट पर इस बार बीजेपी की एक और दावेदार अपर्णा यादव भी थीं, लेकिन उन्हें भी यहां से टिकट नहीं मिल सका.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: छोटे दलों से बदलेगा जीत-हार का गणित!

बता दें कि यहां करीब 1,40,000 ब्राह्मण और 40,000 मुस्लिम मतदाता हैं. साथ ही 50,000 सिंधी और 25,000 वैश्य मतदाता हैं. इसके अलावा 30 से 35 हज़ार दलित मतदाता हैं. ऐसे में यहां बीजेपी ने यहां अपने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर  बृजेश पाठक को टिकट देकर सेफ गेम खेलने की कोशिश की है.  वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस बार पार्षद राजू गांधी पर दांव लगाया है. पिछली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अपर्णा यादव 33.07 फीसदी वोट हासिल किया था, उन्हें रीता बहुगुणा जोशी ने हराया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर रीता बहुगुणा जोशी ने 51.21 फीसदी वोट हासिल किया था. 

बृजेश पाठक को बीजेपी ने क्यों दिया टिकट ?
बृजेश पाठक को लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ाने के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं. दरअसल, टिकट बटवारे से पहले बीएसपी से बीजेपी आए कई नेताओं के जाने का सिलसिला जारी था. स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के जाने के बाद बृजेश पाठक भी टिकट या किसी और वजह से कोई ऐसा फैसला करते तो बीजेपी को नुकसान हो सकता था. इसके अलावा मोदी लहर में भी बृजेश पाठक ने लखनऊ मध्य सीट से करीब 6 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. साथ ही बृजेश पाठक अब बीजेपी के खास ब्राह्मण चेहरा बन चुके हैं. बीजेपी ने हॉट सीट लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक को उम्मीदवार बनाकर लखनऊ की बाकी सीटों पर भी ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश की है. 

Trending news