RRB NTPC Protests: राजेश सचान के बारे में बताया जाता है कि वह छात्र नेता है. प्रयागराज पुलिस का दावा है कि राजेश सचान के सोशल मीडिया पर भड़काने की वजह से ही ये सब छात्र इकट्ठे हुए थे और उसने ही इन्हें भड़काया था. राजेश सचान के पॉलिटिकल कनेक्शन भी पुलिस खंगाल रही है.
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RRB NTPC Protests: प्रयागराज. यूपी के प्रयागराज में RRB NTPC भर्ती परीक्षा में गड़बड़ को लेकर जो उपद्रव और हिंसक प्रदर्शन हुआ था, उस मामले में प्रयागराज पुलिस ने हिंसा फैलाने के मुख्य आरोपी राजेश सचान को गिरफ्तार कर लिया है. राजेश सचान के बारे में बताया जाता है कि वह छात्र नेता है. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जिला अदालत ने राजेश सचान की जमानत अर्जी की खारिज कर दी है. प्रयागराज पुलिस का दावा है कि राजेश सचान के सोशल मीडिया पर भड़काने की वजह से ही ये सब छात्र इकट्ठे हुए थे और उसने ही इन्हें भड़काया था. राजेश सचान के पॉलिटिकल कनेक्शन भी पुलिस खंगाल रही है.
इस बवाल के बाद तीन नामजद और एक हज़ार अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. नामजद लोगों में मुकेश यादव, प्रदीप यादव और राकेश सचान शामिल थे. इसके अलावा छात्रों की पिटाई करने वाले 6 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया था. मुकेश और प्रदीप यादव पहले ही इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं और राकेश सचान की तलाश जोरों से चल रही थी. अब वह भी पुलिस की पकड़ में आ गया है.
क्या है मामला
14 व 15 जनवरी 2022 को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) की ओर से NTPC CBT-1 परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ. इस परिणाम में CBT -2 यानी NTPC की दूसरे चरण की परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया. कई अभ्यर्थियों ने इस बीच आरोप लगाया कि इस रिजल्ट में गड़बड़ी की गई. पिछली 24 जनवरी से बिहार में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. बाद में RRB के खिलाफ विरोध उग्र हो गया. बिहार से होते हुए इस विरोध की आग यूपी आ गई. गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले प्रयागराज में भी कुछ छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया. रेलवे ट्रैक जाम कर दिय गया. पर यहां तो पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया. उन पर लाठीचार्ज किया. कुछ वीडियो ऐसे भी सामने आए जिनमें रेलवे ट्रैक से छात्रों को हटाने के बाद पुलिस ने उन्हें हॉस्टल और लॉज में घुसकर पीटा. छात्रों का आरोप है कि जिन कमरों में वे ठहरे उनके दरवाजों को तोड़ा गया. वे तो इस आंदोलन में शामिल ही नहीं हुए थे फिर भी उन्हें पीटा गया. अगले दिन 26 जनवरी तक भी ये विरोध के सुर गूंजते रहे. इस बीच रेलवे बोर्ड ने एक बयान में कहा कि जो अभ्यर्थी हिंसा में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी.
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