सुनील सिंह/संभल: यूपी के संभल में कल्कि महोत्सव में पहुंचे कांग्रेस पार्टी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गणेश वंदना और आरती कार्यक्रम में शामिल होकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलानाओं को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा, अगर ज्ञान प्राप्त करने या समाज को जोड़ने वाली आरती में शामिल होने पर कोई मुस्लिम धर्मगुरु या मौलाना उनके खिलाफ फतवा जारी करता है तो वह ऐसे फतवों को नहीं मानते. 


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कांग्रेस नेता के इस बयान पर मुस्लिम धर्मगुरू, इमाम और मौलाना भड़क गए है. मुस्लिम धर्मगुरु इमाम मगरूब ने बयान जारी कर नसीमुद्दीन सिद्दीकी के इस बयान को इस्लाम के खिलाफ बताया है. मुस्लिम धर्मगुरु इमाम मगरूब ने कहा है कि इस्लाम में मूर्ति पूजा और देव आरती की इजाजत नहीं है, फतवा इस्लाम का कानून है, जिसे हर मुस्लिम को मानना होगा.


बता दें, बीते बुधवार को नसीमुद्दीन सिद्दीकी संभल जिले के एंचोडा कंबोह में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम कल्कि महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.जहां धार्मिक कार्यक्रम में गणेश वंदना की और आरती में भी शामिल हुए.  इस बीच मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान इस्लाम धर्म में मूर्ति पूजा आदि को जायज न बताए जाने के सवाल पर भड़क गए , सवाल के जवाब में बयान देते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि अगर ज्ञान प्राप्त करने या समाज को जोड़ने वाली आरती में शामिल होने पर उनके खिलाफ फतवा जारी किया जाता है तो वह ऐसे फतवों को नहीं मानते.


नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दलील देते हुए कहा कि हिंदू धर्म के किसी भी ग्रंथ वेद भगवत गीता रामायण में यह नहीं लिखा है कि रामायण और गीता सिर्फ हिंदू ही पढ़ेगा और न ही कुरान में यह लिखा है कि कुरान सिर्फ मुस्लिम ही पढ़ेगा , ज्ञान हासिल करने के लिए जो पढ़ेगा वह किताब उसी की है. मुस्लिम धर्मगुरु और मौलानाओं से सवाल करते हुए कहा कि वह बताएं कि किसी मुस्लिम के गणेश वंदना करने या आरती शामिल होने से कौन सी बात मुस्लिम धर्म के आड़े आ रही है.