सियासत: भतीजे से नाराजगी, पर चुनावी फायदे के लिए चाचा शिवपाल ने गिनाए अखिलेश सरकार के काम
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सियासत: भतीजे से नाराजगी, पर चुनावी फायदे के लिए चाचा शिवपाल ने गिनाए अखिलेश सरकार के काम

Samajik Parivartan Rath Yatra:  शिवपाल ने कहा कि सभी समान विचारधारा की पार्टियां एक हो जाएं. मेरी प्राथमिकता है कि अगर समाजवादी पार्टी भी साथ में आ जाए तो बेहतर हो जाएगा. प्रसपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने हमेशा त्याग करना सीखा है.

सियासत: भतीजे से नाराजगी, पर चुनावी फायदे के लिए चाचा शिवपाल ने गिनाए अखिलेश सरकार के काम

महोबा: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनैतिक फायदे के लिए पार्टियों के बयानों में कुछ नए समीकरण देखने को मिलने लगते हैं. ऐसा ही कुछ महोबा पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बयानों में देखने को मिला. वह यहां सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा लेकर पहुंचे थे. इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में वह बीजेपी पर हमलावर होने के साथ-साथ अपने उस भतीजे अखिलेश यादव की तत्कालीन सरकार के ढेर सारे कामकाज गिनाते नजर आए, जिस भतीजे से उनका छत्तीस का आंकड़ा बना रहता है. 

शिवपाल ने गिनाए अखिलेश सरकार के और भी फायदे
शिवपाल ने कहा कि हमारी सरकार (अखिलेश यादव की सरकार) के समय बुंदेलखंड के साथ-साथ महोबा जिले में खनन का कारोबार बहुत होता था.  तब 400 क्रशर थीं अब सिमट कर 70 रह गईं. अब यहां का क्रेसर उद्योग मध्य प्रदेश में शिफ्ट हो गया है जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ गई है.आगे हमारी सरकार बनी तो नीतियां बदलकर उद्योग को उबारने का काम करेंगे. अखिलेश सरकार के और फायदे गिनाते हुए उन्होंने कहा कि पानी की समस्या खत्म करने के लिए हमने बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा तालाब खुदवाएं, 13 डैम भी बनवाए थे. 

समान विचार धारा के लोग आएं साथ-शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव की सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा शहर के मार्गो से होते हुए एक गेस्ट हाउस पहुंची जहां शिवपाल सिंह यादव पत्रकारों से रूबरू हुए. मीडिया से बात करते हुए शिवपाल ने कहा की सभी समान विचारधारा की पार्टियां एक होकर साथ में आ जाएं. मेरी प्राथमिकता है कि अगर समाजवादी पार्टी भी साथ में आ जाए तो और बेहतर हो जाएगा.

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बीजेपी सरकार को घेरा
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में लोगों को सिर्फ सात घंटे बिजली मिल रही है, जबकि सरकार ने 24 घंटे देने का वादा किया था. कालाधन, भ्रष्टाचार और दो करोड़ नौकरी के नाम पर बीजेपी ने छलने का काम किया है. ब्यूरोक्रेसी मनमानी पर है उतारू, कानून व्यवस्था चौपट है.

मीडिया से बात करते हुए समाजावादी पार्टी और प्रसपा के गठबंधन पर शिवपाल ने कहा कि मेरा प्रयास है अभी 4-5 माह का समय बचा हुआ. प्रसपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने हमेशा त्याग करना सीखा है. हमारी ओर से किसी प्रकार का अड़ंगा नही है, हमने हमेशा त्याग सीखा है और जब सत्ता का परिवर्तन करना होता है तो त्याग भी करना होता है. 

महिलाओं के टिकट पर भी बोले
वहीं प्रियंका गांधी के 40 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव में सीट देने की बात पर शिवपाल ने कहा कि उनका यह सुझाव ठीक है. हमारी आज भी यही मांग है कि यदि महिलाओं को आरक्षण देना है तो पार्टियों को आरक्षण दे दो.

कैसे आई थी चाचा-भतीजे में दरार!
सियासी दांव के माहिर रहे शिवपाल सिंह यादव ने शायद ही कभी सोचा होगा कि उन्हें अपनी पार्टी से इस तरह बाहर होना पड़ेगा. सपा की बहुमत की सरकार पहली बार वर्ष 2012 में बनी तब मुलायम ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया और इसके बाद से सपा में रार शुरू हुई. शिवपाल उस वक्त चाहते थे कि लोकसभा चुनाव यानी 2014 तक अखिलेश को मुख्यमंत्री न बनाया जाए और मुलायम सिंह ही मुख्यमंत्री बनें. 

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी. इसी के बाद अखिलेश ने सपा पर अपना एकछत्र राज कायम कर लिया था. इस घटना के बाद अखिलेश व शिवपाल के बीच खाई और गहरी हो गई थी. विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया. शिवपाल यादव ने अखिलेश के साथ अलग होकर अपनी पार्टी - प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई और सपा के खिलाफ उम्मीदवार उतारे.

पिछले वर्ष 2020 में होली के मौके पर मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में पूरा परिवार एक साथ सैफई में मौजूद था. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व सांसद पत्नी डिंपल संग सैफई में अपनी कोठी में परिवार संग होली मनाने मौजूद थे. मंच पर पहुंचने के बाद शिवपाल, मुलायम सिंह का पैर छूकर आगे ही बढ़े थे कि अखिलेश ने भी पूरी गर्माहट के साथ शिवपाल के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. होली के बाद से मुलायम सिंह यादव परिवार में चाचा-भतीजा के बीच सुलह की कोशिशें शुरू हो गई थीं. इसकी कमान स्वयं खुद मुलायम सिंह यादव ने संभाली थी. अब फिर से शिवपाल, अखिलेश का साथ चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन चाहते है.

 

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