लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक की जरूरत महसूस करते हुए प्रमुख पार्टियों ने इस वर्ग का वोट पाने राजनीतिक समीकरणों की बिसात बिछानी शुरू कर दी है. कुछ समय पहले सपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने परशुराम के मंदिर की स्थापना की तो अब भाजपा ने भी आज लखनऊ में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण कर दिया.
 लखनऊ के कृष्णानगर में सहसोवीर मंदिर में भाजपा की ओर से भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित की गई. प्रतिमा का अनावरण योगी सरकार में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने किया. 
इस अवसर पर दिनेश शर्मा ने कहा कि कुछ लोग चुनावी भक्त होते हैं. वे वैसे तो  राम भक्तों पर गोली चलवाते हैं, पर चुनाव के समय मंदिर में घंटा घड़ियाल बजाने की प्रैक्टिस करते हैं. हमारे लिए धर्म पूजा मंदिर आस्था का विषय है. हम इसका प्रचार नहीं करते. भगवान परशुराम हमारे आराध्य रहे हैं. ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि श्वेत जीवन जीने की प्रवृत्ति का नाम ब्राह्मण है. आज हम भगवान परशुराम की प्रतिमा विराजित कर रहे हैं तो ये हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि ये हमारी श्रद्धा है. मेरी नजर में जो सबका हित चाहे वही ब्राह्मण होता है.
 इस मौके पर प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि ब्राह्मण हमेशा से भाजपा के साथ रहा है. ब्राह्मण समझदार है उसे पता है कि उसका विकास कहां होगा. दूसरी पार्टियां ब्राह्मण को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखती हैं, लेकिन असल में ब्राह्मणों की श्रद्धा भाजपा में ही है.  इस मौके पर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी चाहे जितने दांवपेंच खेल लें, ब्राह्मण हमेशा से भाजपा का रहा है और भाजपा का ही रहेगा.


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कैसी है प्रतिमा
भाजपा की ओर से भगवान परशुराम की जो प्रतिमा स्थापित की गई है, वह 11 फीट ऊंची है. इसकी कुल ऊंचाई 6 फीट है, पर उसका प्लेटफार्म 5 फीट ऊंचा है. यह प्रतिमा भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने बनवाई है. 


सपा की नजर भी इस वर्ग पर
ब्राह्मण वोटों की सियासत में सपा भी पीछे नहीं है. हाल ही में लखनऊ के गोसाईंगंज में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम के मंदिर और उनके फरसे का अनावरण किया था. इस दौरान अखिलेश यादव एक हाथ में परशुराम का फरसा और दूसरे हाथ में भगवान कृष्ण का सुदर्शन चक्र लिए नजर आए थे.


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