UP Chunav 2022: चुनावी बयार के साथ उमड़ती है मां शाकंभरी देवी मंदिर में नेताओं की भीड़, ये बड़े दिग्गज टेक चुके हैं माथा
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UP Chunav 2022: चुनावी बयार के साथ उमड़ती है मां शाकंभरी देवी मंदिर में नेताओं की भीड़, ये बड़े दिग्गज टेक चुके हैं माथा

मां शाकंभरी देवी के मंदिर में आम नेता ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ भाजपा के राजनाथ सिंह, लक्ष्मी नारायण जैसे कई दिग्गजों की लंबी फेहरिस्त है जो मां के चरणों में जीत के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आ चुके हैं...

UP Chunav 2022: चुनावी बयार के साथ उमड़ती है मां शाकंभरी देवी मंदिर में नेताओं की भीड़, ये बड़े दिग्गज टेक चुके हैं माथा

सहारनपुर/नीना जैन: देश की 51 सिद्दपीठों में से एक है मां शाकंभरी देवी सिद्ध पीठ. प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में मां शाकंभरी देवी का मंदिर स्थित हैं. सहारनपुर जनपद के बेहट क्षेत्र के इलाके में मां शाकंभरी देवी के दर्शन करने के लिए यूपी के अलग-अलग जिलों से 12 महीने श्रद्धालु करने आते हैं. चुनावी माहौल में मां के दरबार में नेताओं की भीड़ उमड़ने लगती है.

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इन नेताओं ने किए मां के दर्शन
मां शाकंभरी देवी के मंदिर में आम नेता ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ भाजपा के राजनाथ सिंह, लक्ष्मी नारायण जैसे कई दिग्गजों की लंबी फेहरिस्त है जो मां के चरणों में जीत के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आ चुके हैं.

सहारनपुर जनपद में दूसरे चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है. जैसे ही नेताओं के नाम की घोषणा हुई उम्मीदवारों की आशीर्वाद लेने मां का लंबी कतार लग चली गई. हर कोई मां के चरणों में शीश नवाने के बाद ही चुनावी मैदान में अपनी किस्मत को आजमाने जा रहा है. शाकंभरी देवी में शीत लहर और जबरदस्त कोहरा के बाद भी श्रद्धालुओं का हौसला कहीं कम नहीं है. कोई पहली बार यहां मंदिर में शीश नवाने आ रहा है तो कोई कई बरसों से आ रहा है. हर कोई अपनी मन्नतों से झोली भर मां का आशीर्वाद पाने को आतुर है.

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नेताओं का काफिला आता है नजर
जैसे-जैसे चुनाव का मौसम आता है वैसे ही नेताओं की गाड़ियों का काफिला मां शाकंभरी देवी मंदिर पहुंचने लगता है. चुनाव लोकसभा का हो विधानसभा का हो जिला पंचायत का हो या कोई और हर कोई मां के आशीर्वाद पाकर ही चुनावी मैदान में कूदना चाहता है.

भैरव के दर्शन जरूरी
मां शाकंभरी के चरणों में शीश नवाने से पहले भैरव देव के दर्शन करने जरूरी हैं. कहा जाता है भैरव देव के दर्शन नहीं किए तो मां भी दर्शन नहीं देती है. बताया जाता है भैरव देव माता के परम भक्त थे जिसके चलते माता ने भैरव देव को यह आशीर्वाद दिया कि उनके दर्शनों से पूर्व भैरव देव के दर्शन करने जरूरी हैं. पूरे विश्व में मां काली का सभी ने रौद्र रूप देखा होगा, लेकिन पूरे देश में शताक्षी मां के रूप में शांत रूप केवल यहीं देखने को मिलता है. 

शाकंभरी मां का दूसरा नाम है अपराजिता देवी
यहां पर मां के चार रूप देखने को मिलते हैं. मां को केवल शाकंभरी मां के नाम से ही नहीं जाना जाता इनका एक दूसरा नाम है अपराजिता देवी. अपराजिता मां अर्थात विजय की देवी. यही एक बहुत बड़ी वजह है कि यहां पर इस विजय का आशीर्वाद पाने के लिए नेता लालायित रहते हैं. इसी के चलते कांग्रेस की प्रियंका गांधी भी यहां पर शीश नवाने आ चुकी हैं तो सपा के अखिलेश यादव भी वही राजनाथ सिंह यहां से कई बार चुनावी रथ का आगाज कर चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मां के चरणों में शीश नवा चुके हैं.

मां के चरणों में विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार 
अब विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है तो केवल सहारनपुर जनपद के मुजफ्फरनगर शामली के विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार भी मां के चरणों में शीश नवाने आ गए हैं और विजय का आशीर्वाद पाने को हर कोई आतुर दिखाई दिया. शंकराचार्य आश्रम के सहजानंद ब्रह्मचारी के शिष्य राजू भारद्वाज ने बताया कि यहां पर केवल हिंदू ही नेता नहीं आते मुस्लिम नेता भी मां के चरणों में शीश नवाते हैं. 

पिछले 8 वर्षों से मां शाकंभरी देवी मंदिर में अपनी ड्यूटी कर रहे संदीप राणा का कहना है इसमें कोई दो राय नहीं जैसे-जैसे चुनाव होते हैं नेताओं की भीड़ यहां आती है और यहां पर नेता भी मां का आशीर्वाद लेकर ही अपने चुनावी रथ को गति देना चाहते हैं.

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