बजट सत्र रहा हंगामेदार, सपा ने मचाया हल्ला, लेकिन सुभासपा रही शांत, राज्यपाल के अभिभाषण का भी हुआ विरोध
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बजट सत्र रहा हंगामेदार, सपा ने मचाया हल्ला, लेकिन सुभासपा रही शांत, राज्यपाल के अभिभाषण का भी हुआ विरोध

UP Budget Session: सदन में विपक्ष की तरफ से समाजवादी पार्टी ने जोरदार हंगामा किया और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान शोर-शराबा करते रहे. तख्ती और प्लेट लेकर प्रदर्शन भी किया. हालांकि, आजम खान आए शपथ ग्रहण की और फिर वापस चले गए. सपा से उनकी दूरी आज भी दिखाई देती रही.

बजट सत्र रहा हंगामेदार, सपा ने मचाया हल्ला, लेकिन सुभासपा रही शांत, राज्यपाल के अभिभाषण का भी हुआ विरोध

अजीत सिंह/लखनऊ: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र आज शुरू हो गया. बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के आगमन से हुई. विधानसभा के गेट नंबर 8 पर राज्यपाल महोदया को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया. मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने स्वागत किया. फिर विधानसभा के अंदर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के साथ पहुंचे. इसके बाद, राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ और इसकी शुरुआत होते ही सदन का नजारा बदल गया.

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सपा ने अभिभाषण के दौरान किया शोर
सदन में विपक्ष की तरफ से समाजवादी पार्टी ने जोरदार हंगामा किया और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान शोर-शराबा करते रहे. तख्ती और प्लेट लेकर प्रदर्शन भी किया. हालांकि, आजम खान आए शपथ ग्रहण की और फिर वापस चले गए. सपा से उनकी दूरी आज भी दिखाई देती रही. वहीं, उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम थे लेकिन वह किसी भी मुद्दे पर बोलने से बचते रहे थे. अब देखना होगा कि अगले 1 सप्ताह तक सदन में क्या विपक्ष का आज वाला ही रोक रहेगा या फिर कुछ बदलाव होगा. सरकार इस बात को लेकर तैयार है कि विपक्ष जो भी सवाल करेगा उसका जवाब दिया जा सके.

राजभर ने नहीं दिया अखिलेश का साथ
राज्यपाल ने जैसे ही सदन में बोलना शुरू किया, समाजवादी पार्टी के विधायकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. अखिलेश यादव और उनके विधायक वहीं मौजूद थे और जमकर नारेबाजी करने लगे. लेकिन सबसे अच्छी बात यह थी कि अखिलेश यादव के सहयोगी दल भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी यानी ओमप्रकाश राजभर और उनके विधायक सदन में चुपचाप बैठे रहे. उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध नहीं किया. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सदन की संसदीय मर्यादा को बनाए रखना होगा और इसके लिए पहले खुद सुधरना होगा फिर दूसरे को सुधारना पड़ेगा. 

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सुभासपा और कांग्रेस ने नहीं लगाए नारे
राजभर का दावा था कि ऐसा पहली बार हुआ जब कागज की गोलियां राज्यपाल के ऊपर नहीं फेंकी गईं. उनके भाषण के दौरान सपा जोरदार हंगामा करती रही. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी और कांग्रेस के लोग भी सदन में मौजूद रहे, लेकिन उनकी तरफ से कोई नारेबाजी नहीं की गई. 1 घंटे से अधिक समय तक राज्यपाल का संबोधन चला और उसके बाद थोड़ी देर सदन की कार्यवाही चलकर कल 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सपा विधायक ने रखी यह बात
समाजवादी पार्टी की तरफ से उनके उपनेता इंद्रजीत सरोज ने कहा कि हमने विरोध इसलिए किया क्योंकि राज्यपाल महोदया सरकार के लिखित दस्तावेज को पढ़ रही थीं जो पूरी तरह से झूठा था. हम सदन को चलाना चाहते हैं, लेकिन वह जनता के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहते कल से सदन चलेगा और हम सवाल पूछेंगे.

कांग्रेस ने राज्यपाल पर लगाए आरोप
कांग्रेस की विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने सीधे तौर पर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल महोदया भारतीय जनता पार्टी के झूठ के बुलंदे को पढ़ रही थीं. वह नौजवान, रोजगार, बेरोजगारी के मुद्दे पर बात नहीं कर रही थीं. बस सरकार का गुणगान कर रही थीं. आराधना मिश्रा ने कहा, 'हम चाहते हैं सदन लंबा चले, लेकिन सरकार सदन को छोटा करना चाहती है, जबकि कार्य मंत्रणा की बैठक में 30 मई की तारीख तय हुई है, लेकिन पता चला है कि वह 28 मई तक ही सदन चलाना चाहती है. रमेश ने कहा बजट लाएंगे तो उस पर भी बात होगी.

'हम सुधरेंगे, तभी दूसरों को सुधार पाएंगे'
वहीं, ओम प्रकाश राजभर ने सदन की मर्यादा की दुहाई देते हुए कहा कि हमने सदन की मर्यादा को बनाए रखा. राज्यपाल पर कागज के गोले नहीं फेंके गए. सपा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन हम चुप थे, क्योंकि हमेशा से राज्यपाल के दोनों सदनों के संबोधन के दौरान कागज के गोले फेंके जाते थे. आज ऐसा नहीं हुआ. हम सुधरेंगे, तभी दूसरों को सुधार पाएंगे. ओमप्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि सभी दल के नेता एक हैं. केवल लगता है कि वह अलग अलग हैं. 

राजभर ने अखिलेश यादव पर भी किया वार
आजम खान को लेकर भी ओम प्रकाश राजभर ने अपनी राय रखी और कहा कि बीजेपी के साथ-साथ आजम खान के अपने लोगों ने उनपर मुकदमे लिखवाए और यह सिला दिया. ओमप्रकाश राजभर ने तो यह भी कहा कि ज्ञानवापी के मुद्दे को लेकर बीजेपी तुष्टीकरण कर रही है और हिंदू-मुसलमान करके तुष्टीकरण का झुनझुना पकड़ा देती है. जनता को सावधान रहना चाहिए. उन्होंने अखिलेश यादव पर भी कहा कि अखिलेश को गर्मी में निकलना होगा, क्योंकि उनके लोग खुद नाराज हैं.

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'राज्यपाल के साथ महिलाओं का भी अपमान'
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने भी विपक्ष को जमकर घेरा. सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सदन में विरोध करना भारतीय जनता पार्टी का नहीं, बल्कि सपा का चरित्र है. वह सदन में राज्यपाल का तो अपमान करते ही हैं, साथ ही एक महिला का भी सम्मान नहीं करते. केशव मौर्य ने कहा कि हम सदन चलाएंगे. उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन वह खुद सदन नहीं चलाना चाहते. आजम खान को बीजेपी ने माफिया नहीं बनाया, बल्कि वह अपने कर्मों से माफिया बने और कानून अपना काम आगे भी करेगा.

'2 दिन भी सदन नहीं चलाना चाहती सपा'
वहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी सपा को उपद्रवी बताया. उन्होंने कहा कि वह 7 दिन तो छोड़िए 2 दिन भी सदन नहीं चलाना चाहते.

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