उम्मीदवारों को अपनी जनता को पूरी बात बतानी होगी कि उनके खिलाफ कहां कितने केस दर्ज हैं और मामला क्या है. वहीं, जिस पार्टी से वह चुने जा रहे हैं, उस पार्टी को भी साफ तौर पर बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कैंडिडेट को क्यों चुना गया है. वहीं, यह दलील देना कि वह एक जिताऊ कैंडिडेट है, यह काफी नहीं होगा...
Trending Photos
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर इलेक्शन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसी को लेकर तैयारियों का जायजा लेने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) यूपी आए हैं. लखनऊ में चीफ इलेक्टोरल कमिश्नर सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने प्रेस वार्ता करते हुए जानकारी दी है कि इस बार राजनीतिक दल अगर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को अपना उम्मीदवार चुनते हैं तो उन्हें न्यूज पेपर और टीवी चैनलों कर विज्ञापन देकर ऐसे उम्मीदवारों की पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. इतना ही नहीं, कैंडिडेट को खुद भी अपना पूरा चिट्ठा जनता के सामने रखना होगा.
आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए यह शर्त
आज चुनाव आयोग की टीम के यूपी दौरे का अंतिम दिन है. इसी के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर आगामी चुनाव को लेकर कई बड़ी बातें जनता के सामने रखीं. उन्होंने बताया कि सभी पार्टियों का एकमत है कि चुनाव तय समय पर ही किए जाएं. वहीं, कोरोनावायरस के डर को देखते हुए पुलिस प्रशासन को भी सख्त रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसी के साथ, मुख्य चुनाव आयुक्त ने आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य शर्त रखी है और कहा है कि अपना पूरा क्रिमिनल रिकॉर्ड सार्वजनिक करना जरूरी होगा.
"जनता सुप्रीम है, अपना फैसला ले सकती है": सीईसी
उम्मीदवारों को अपनी जनता को पूरी बात बतानी होगी कि उनके खिलाफ कहां कितने केस दर्ज हैं और मामला क्या है. वहीं, जिस पार्टी से वह चुने जा रहे हैं, उस पार्टी को भी साफ तौर पर बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कैंडिडेट को क्यों चुना गया है. वहीं, यह दलील देना कि वह एक जिताऊ कैंडिडेट है, यह काफी नहीं होगा. सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि हर पार्टी जनता के सामने अपने उम्मीदवार की सही सूचना रखेगी. बाकी जनता तो सुप्रीम है, वह अपना फैसला अपने आप ले लेगी.
Durga Shankar Mishra: UP को मिले नए मुख्य सचिव, दुर्गा शंकर मिश्रा ने संभाला कार्यभार
कम वोटिंग परसेंटएज चिंता का विषय
साल 2017 में यूपी के विधानसभा चुनाव में करीब 61% वोटिंग हुई थी. वहीं, साल 2019 के चुनाव में यूपी से केवल 59 प्रतिशत वोट ही डाले गए थे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने इसे चिंता का विषय बताया है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य में लोगों में राजनीतिक जागरूकता ज्यादा है, वहां वोटिंग परसेंट का कम होना चिंता की बात है. चुनाव आयोग की कोशिश यह रहेगी कि आने वाले चुनाव में सरकार तय करने के लिए जनता की भागीदारी बढ़ाई जा सके.
कोरोना को देखते हुए बरती जा रही सावधानी
इसी के साथ कोरोना को देखते हुए वोटिंग सेंटर्स पर मैक्सिमम वोटर्स की संख्या को कुछ कम किया गया है. इसके लिए 11 हजार बूथ और बढ़ाए जा रहे हैं. इस बार यूपी में 52 लाख से ज्यादा नए मतदाता होंगे. 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी. इसके बाद भी अगर किसी को लिस्ट में कोई परेशानी होती है तो तत्काल रूप से उसका निस्तारण किया जाएगा.
WATCH LIVE TV